चंडीगढ़

चंडीगढ़/ चंडीगढ़ वाइन कॉन्ट्रैक्ट एसोसिएशन ने एक ही कंपनी को शहर के सभी लिकर वेंड दिए जाने का किया विरोध

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विजिलेंस, सी बी आई और ई डी से जांच करवाने की मांग

चंडीगढ़ : वर्ष 2025-26 की लिकर पॉलिसी के विरोध में चंडीगढ़ शहर के सभी शराब कारोबारी एकजुट हो गए हैं। कारण है, शुक्रवार हुई नीलामी में शराब के ठेके सिर्फ एक ही कंपनी को दिए जाना। शराब कारोबारियों ने अपनी शिकायत चंडीगढ़ एक्साइज विभाग को इस बाबत दे दी है। उनकी मांग है कि इस की गहराई से जांच करवाई जाए। अन्यथा वो माननीय अदालत का दरवाजा खटखटाएंगे।

चंडीगढ़ प्रेस क्लब में पत्रकारों से बातचीत करते हुए चंडीगड़ वाइन कॉन्ट्रैक्ट एसोसिएशन के सदस्यों ने बताया कि शुक्रवार हुई ऑक्शन में टेंडर प्रक्रिया को तरीके से फ़ॉलो नही किया गया। चंडीगढ़ की एक्साइज पालिसी के अनुसार ऑक्शन में एक ही कंपनी को 10 ठेके लेने का प्रावधान है। लेकिन इस बार ऐसा नही हुआ। ऑक्शन में अलग अलग कांट्रेक्टर को ठेके न देकर मध्यप्रदेश की एक ही कंपनी को दे दिए। उन्होंने तुरंत अपनी शिकायत एक्साइज विभाग के अधिकारियों को दे दी। अधिकारियों ने आश्वासन दिया है कि जब तक टेंडर प्रक्रिया की पूरी तरह से जांच नही होती, तब तक ठेके अलॉट नही किए जाएंगे। वहीं उन्होंने बताया कि एक ही फर्म को ठेके देने से न केवल मोनोपोली हो जाएगी, बल्कि शराब भी महंगी हो जाएगी। इससे रेवेन्यू में भी फर्क पड़ेगा। लोग चंडीगढ़ से न लेकर पंजाब से शराब लेकर आएंगे। शराब की कलाबाजारी भी होने की संभावना है। वहीं उन्होंने कहा कि दिल्ली में केजरीवाल सरकार के दौरान एक्साइज पालिसी को लेकर काफी हो हल्ला मचा था। जिसे लेकर केजरीवाल और अन्य को जेल जाना पड़ा था। तो अब चुप्पी क्यों।

उन्होंने कहा कि वो चाहते है कि इस नीलामी को रद्द करके नए सिरे से नीलामी की प्रक्रिया की जाए। अन्यथा वो अदालत का द्वार खटखटाने को मजबूर होंगे। उन्होंने कहा कि वो इस मामले में सांसद मनीष तिवारी को भी अपनी शिकायत बता चुके हैं। उन्होंने इस को लेकर संसद में सवाल उठाने का आश्वासन दिया है। वहीं उन्होंने इस नीलामी प्रक्रिया की विजिलेंस, सी बी आई और ई डी से जांच करवाने की भी मांग की।


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