अररिया

अररिया/ सिमरबनी में दो दिवसीय कबीर महोत्सव सत्संग का हुआ आयोजन

Spread the love

✍️ अंकित सिंह, भरगामा (अररिया)

भरगामा (अररिया) : प्रखंड अंतर्गत सिमरबनी पंचायत में मंगलवार को दो दिवसीय कबीर सत्संग महोत्सव का आयोजन किया गया। मौके पर दूर-दूर से आए हुए संत महात्माओं के अमृत वाणी में हर कोई डूबा नजर आया। आध्यात्मिक गंगा में भक्ति रस छककर पीने के आतुर श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए संत आचार्य आराध्य साहब ने कहा कि संत कबीर दास जी भारत के महान कवि और संत रहे हैं। इनके दोहे और कविताएं लोगों को जीवन जीने की कला सिखाती है। उन्होंने समाज में फैली धार्मिक कुरूतियों की कड़ी निदा की थी और लोगों को सदमार्ग पर चलने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि सत्संग हमारे जीवन का आधार है। जैसे बिना पैर के चलना असंभव है ऐसे ही बिना सत्संग के जीवन में असली सुख,शांति एवं समृद्धि असंभव है। संत आराध्य सीता जी ने कहा कि सच्चे सद्गुरु का मिलना परम प्रभु सर्वेश्वर मिलने के समान है। जीवन में सतगुरु का होना अत्यंत आवश्यक है बिना उसके जीव की नैया पार नहीं हो सकती। संत ने कहा कि मानव जीवन मे सुख शांति पाना चाहते हैं लेकिन संसार के भौतिक वस्तु को पाकर कभी भी सुख शांति की प्राप्ति नही हो सकती है। जो मानव प्राणी मे सत्संग मे आकर संत सद्गुरु का उपदेश व आदेश का पालन करते हैं,उनके ही जीवन मे सुख-शांति प्राप्त होती है। महोत्सव में उपस्थित संतों ने कहा कि प्रत्येक मनुष्य को अपने कर्मों का फल भोगना पड़ता है। जैसा कर्म करोगे वैसा फल भोगोगे उसे कोई नहीं रोक सकता। सभी को अपने-अपने कर्मों का फल मिलता है। ईश्वर भक्ति से हीं मानव कल्याण संभव है। उन्होंने मनुष्य को लोभ, मोह,ईर्ष्या,द्वेष,पाप से बचते हुए सदविचार एवं सत्कर्म के सहारे जीवन को प्रकाशमय बनाने के लिए प्रेरित किया। प्रवचन के दौरान संतों ने कहा कि मनुष्य शरीर क्षणिक एवं क्षणभंगुर है। अतः संत महात्माओं से युक्ति जानकर मुक्ति प्राप्त कर सकते हैं। जीवन सार्थक बनाने के लिए संतों की बाणी को जीवन में उतारने की जरूरत है। कबीर के शब्द व भजन सुनाकर लोगों को वाह्याडम्बर से दूर रहकर सच्ची ईश्वर भक्ति और मानवता का संदेश दिया।


Spread the love

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

en_USEnglish