पंचकूला/ अन्नदान का अर्थ है जीवनदान : अमिताभ रूंगटा
पंचकूला : अन्न दान भोजन के साथ अपने रिश्ते को चेतना और जागरूकता के निश्चित स्तर पर लाने के लिए एक संभावना है। इसे सिर्फ भोजन के रूप में मत देखिए, यह जीवन है। यह समझना बहुत जरूरी है कि जब भी सामने भोजन आए, तो इसे एक वस्तु न समझा जाए – बल्कि यह जीवन है। अगर आप अपने जीवन को विकसित करना चाहते हैं, तो आप को भोजन, जल, वायु और पृथ्वी को जीवन के रूप में देखना होगा, क्योंकि ये वे तत्व हैं जिनसे हमारा निर्माण हुआ है।
77वें भंडारे के अवसर पर, श्री श्याम करुणा फ़ाउंडेशन के सेवादार श्री अमिताभ रूंगटा ने कहा कि हमारे प्राचीन भारतीय शास्त्रों के अनुसार अगर इस संसार में कोई सबसे बड़ा दान है तो वह है अन्न दान। यह संसार अन्न से ही चलता है और अन्न की सहायता से ही इसकी रचनाओं का पालन हो रहा है। अन्न एकमात्र ऐसी चीज है जिससे शरीर के साथ-साथ आत्मा भी तृप्त होती है। शास्त्रों में जितने दान और व्रत बताए गए हैं, उनमें अन्नदान सबसे श्रेष्ठ है।
शनिवार को श्री श्याम करुणा फ़ाउंडेशन का भंडारा पंचकूला के इंडस्ट्रियल एरिया फेज-1 में आयोजित किया गया, जिसमें रूंगटा परिवार ने उत्साह के साथ भाग लिया। परिवार के जो सदस्य और स्वयंसेवक भंडारे में शामिल रहे, उनमें अनुपमा रूंगटा, चैतन्य रूंगटा, प्रगति रूंगटा, दीपाली रूंगटा, सुखपाल सिंह, सुरेश जांगरा आदि के नाम उल्लेखनीय हैं।