चंडीगढ़/ हरियाणा में हुआ एक और राजनैतिक पार्टी का जन्म
विधायक बलराज कुंडू ने हरियाणा जनसेवक पार्टी लॉन्च की
1 नवंबर को जींद की रैली में खुलासा करेंगे अपनी रणनीति का
हमारा गठबंधन जजपा, भाजपा या कांग्रेस से नहीं होगा : कुंडू
बोले हरियाणा में बेरोजगारी, किसान की बदहाली, महंगाई, भ्रष्टाचार, घोटाले चरम पर
सूबे के बेरोजगार युवा हताश, अपराधियों के हौसले बुलंद: कुंडू
चंडीगढ़ : रोहतक जिले की महम विधानसभा सीट से निर्दलीय विधायक बलराज कुंडू ने कल यहां होटल माउंट व्यू में एक प्रेस कांफ्रेंस कर अपनी नई राजनीतिक पार्टी लॉन्च कर दी । उनके नवस्थापित संगठन का नाम हरियाणा जनसेवक पार्टी है। नए दल के गठन की चर्चा पिछले कई महीनों से चल रही थी, लेकिन कुंडू चाहते थे कि नए संगठन को जनता की राय जानने के बाद ही लॉन्च किया जाए। उन्होंने कहा कि पार्टी की रणनीति का खुलासा वह जींद में एक विशाल रैली में 1 नवंबर को करेंगे।
बलराज कुंडू ने कहा कि वह जजपा, भाजपा या कांग्रेस के साथ गठबंधन नहीं करेंगे। उनकी सोच हरियाणा की जनता को नया विकल्प देने की है। हमारा नौजवान नशे की गिरफ्त में आ रहा है, क्राइम रेट बहुत बढ़ गया है। किसानों का दर्द सुनने वाला कोई नहीं। बीमा कंपनियां किसानों के साथ मनमानी कर रही हैं। पिछले दो सालों से मुआवजा नहीं दिया गया है। प्रीमियम जमा करने के बाद भी पैसा नहीं देते, न ही प्रीमियम वापस हो रहा। बीमा कंपनियों ने हजारों करोड़ का घोटाला किया है और यह सूबे की सरकार की शह के बिना संभव नहीं है।इसलिए मेने हरियाणा को बचाने के लिए ये पार्टी बनाई है I
प्रदेश सरकार ने बिजली के नाम पर बड़ी लूट मचाई है। स्पीड मीटर लगाने से बिल बहुत ज्यादा आने लगे हैं। यह बहुत गलत हो रहा है। इन सभी चीजों को देखकर हमने नई पार्टी के गठन का निर्णय लिया। प्रदेश की मौजूदा सरकार ने पिछले नौ वर्षों में कुछ भी उल्लेखनीय नहीं किया, बल्कि अपराध पहले से दोगुने हो गए हैं। सूबे में कांग्रेस की पिछली सरकार से तुलना की जाए तो पांच गुना कर्ज, चार गुना महंगाई और तीन गुना बेरोजगारी बढ़ गई है। आशा कार्यकर्ता, कार्य अनुदेशक, क्लर्क सब तो धरने पर बैठे हैं, जिनका कोई हाल पूछा नहीं है।
उन्होंने कहा मौजूदा सरकार अपनी जवाबदेही से बच रही है, इसीलिए विधानसभा सत्र से पहले विपक्ष द्वारा उठाई गई तमाम मांगों और प्रस्तावों पर सदन में चर्चा से इनकार कर दिया। इनमें आशा वर्करों का मानदेय, किसानों को मुआवजा, कच्चे कर्मचारियों की सुरक्षा, सरपंचों, पंचों, जिला पार्षदों, कॉन्ट्रैक्ट टीचर एसोसिएशन, व्यापारियों, खिलाड़ियों, दलित व पिछड़ा वर्ग के प्रतिनिधियों आदि की मांगें भी शामिल थीं, जिन पर ध्यान ही नहीं दिया गया।
उन्होंने कहा कि विधानसभा में हरियाणा की बीजेपी-जेजेपी सरकार खुद ही मान चुकी है कि प्रदेश की बेरोज़गारी दर 8.8% हो गई है। 2013-14 में जो बेरोजगारी दर 2.9% थी, वो आज करीब 9.0% पर पहुंच गई। राष्ट्रीय स्तर पर बेरोज़गारी दर 4.1% है यानी हरियाणा में राष्ट्रीय औसत से दोगुनी से भी ज्यादा बेरोजगारी है।
हरियाणा का राष्ट्रीय राजधानी से सटा होने के बाद भी बेरोजगारी से जूझ रहा है। युवा परेशान हैं, जबकि सरकारी विभागों में 2.02 लाख पद खाली पड़े हैं। भर्तियां करने की बजाए सरकार पेपर लीक और पेपर कॉपी जैसे घोटालों को अंजाम दे रही है। सीईटी में धांधलियां करके युवाओं के भविष्य से लगातार खिलवाड़ किया जा रहा है।
लाखों बेरोजगार युवा नशे और अपराध की ओर मुड़ रहे हैं। अपराध की हालत यह है कि केंद्र सरकार के सामाजिक प्रगति सूचकांक में हरियाणा को देश का सबसे असुरक्षित राज्य माना गया है। हरियाणा में अपराध की यह स्थिति है कि क्राइम रेट 16.02 से बढ़कर 31.8 यानी दोगुना हो गया है।
उन्होंने कहा कि परिवार पहचान पत्र के नाम पर जनता से अनावश्यक जानकारियां ली जा रही हैं। पीपीपी में इतनी गड़बड़ियां हैं कि उन्हें ठीक करवाने के लिए लोग दफ्तरों के चक्कर काट रहे हैं। इसी तरह की गड़बड़ियां प्रॉपर्टी आईडी में की गई हैं। इसमें मकान मालिक को किराएदार तो किराएदारों को मकान मालिक दिखा दिया गया। लेकिन सरकार ने इतने बड़े स्तर गड़बड़ियां करने वाली कंपनियों पर कोई कार्रवाई नहीं की।
उन्होंने कहा कि सरकार किसानों के साथ लगातार धोखा कर रही है। सरकार ने खुद विधानसभा में माना कि 3 साल से किसानों का 1303 करोड़ रुपए का मुआवजा अटका पड़ा है। यह तो वह आंकड़ा है जो सरकार ने माना है। इसके अलावा इससे कई गुना ऐसे क्लेम है जिसे सरकार ने अमान्य कर दिया। किसान कई सीजन से मुआवजे के इंतजार में बैठे हैं। पिछले दिनों आई बाढ़ का मुआवजा अब तक किसानों को नहीं मिला है।