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पंचकूला/ पारस हेल्थ ने हैपेटाइटिस को लेकर की प्रेस वार्ता

एक्यूट हेपेटाइटिस को रोका और इलाज किया जा सकता है: एक्सपर्ट

पंचकुला : “हेपेटाइटिस यानी लिवर सेल की सूजन के कई कारण हो सकते हैं जैसे अत्यधिक शराब का सेवन, मोटापा और वायरल संक्रमण हेपेटाइटिस ए, बी, सी और ई वायरस।”
सोमवार को मीडिया से बात करते हुए, पारस हेल्थ पंचकूला में गैस्ट्रोएंटरोलॉजी के डायरेक्टर डॉ. राकेश कोचर ने कहा कि हेपेटाइटिस बी और सी मुख्य रूप से दूषित रक्त, शरीर के सक्रीशन (स्राव) और असुरक्षित यौन संपर्क के माध्यम से फैलता है जबकि हेपेटाइटिस ए और ई दूषित पानी और भोजन के माध्यम से फैलता है। उन्होंने कहा कि हेपेटाइटिस ए और ई 90% से अधिक मामलों में बुखार, पीलिया और डिरेन्ज्ड (विक्षिप्त) लिवर फंक्शन टेस्ट के रूप में एक्यूट सेल्फ- लिमिटिंग बीमारी का कारण बनते हैं, हालांकि एक छोटा सा हिस्सा एक्यूट लीवर फेलियर जैसा अधिक गंभीर रूप विकसित कर सकता है।

गैस्ट्रोएंटरोलॉजी कंसल्टेंट डॉ. राजन मित्तल ने कहा, “जिन व्यक्तियों में इम्यून वीकनेस है, गर्भवती महिलाएं, पहले से मौजूद लीवर या अन्य सिस्टमिक बीमारी है, उनमें अधिक गंभीर बीमारी का खतरा अधिक होता है।”

डॉ. सौरभ मिश्रा कंसल्टेंट गैस्ट्रोएंटरोलॉजी ने बताया कि प्रबंधन मुख्य रूप से सहायक है जैसे पर्याप्त आहार और हाइड्रेशन बनाए रखना। पर्याप्त कैलोरी युक्त घरेलू भोजन की सलाह दी जाती है। अप्रमाणित दवाएं/सप्लीमेंट कभी-कभी अधिक गंभीर और लंबी बीमारी का कारण बन सकते हैं और इनसे बचना चाहिए।

डॉ. मोहनीश कटारिया कंसल्टेंट गैस्ट्रोएंटरोलॉजी ने कहा, “हाथों की स्वच्छता बनाए रखना, घर पर बना अच्छा खाना खाना और साफ पानी पीना एक्यूट वायरल हेपेटाइटिस ए और ई दोनों की रोकथाम और प्रसार को सीमित करने में मदद करता है।”