चंडीगढ़/ 6 दिवसीय नेशनल सिल्क एक्सपो का हुआ शुभारंभ
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सेक्टर 28 के हिमाचल भवन में हुआ शुभारंभ
चंडीगढ़ : सिल्क महिलाओं के वॉर्डरोब का एक अभिन्न हिस्सा है और शुद्ध रेशम खरीदने के इच्छुक रेशम के पारखी लोगों के लिए नेशनल सिल्क एक्सपो -2023 कल से चंडीगढ़ में एक बार फिर लौट आया है। यह प्रदर्शनी 1 से 6 जून तक चंडीगढ़ के सेक्टर 28 मध्य मार्ग स्थित हिमाचल भवन में आयोजित कि गई है। नेशनल सिल्क एक्सपो सुबह 11 बजे से रात 9 बजे तक सभी के लिए खुला रहेगा।
ग्रामीण हस्तकला विकास समिति द्वारा आयोजित यह 6 दिवसीय नेशनल सिल्क एक्सपो-2023 अच्छे डिजाइन, हैंडमेड सिल्क वियर और एक्सक्लूसिव हैंडमेड टेक्सटाइल की तलाश करने वाली महिलाओं के लिए एक बहुत ही अच्छा अवसर है जहाँ एक ही छत के नीचे सिल्क की विभिन्न शैलियों और अवधारणाओं के मिश्रण को एक साथ देखा जा सकता हैं और इन सिल्क उत्पादों की उचित दामों पर यहाँ खरीदारी भी कि जा सकती है। यह उन लोगों के लिए भी एक शानदार मौका है जो आने वाले त्योहार, शादियों, विशेष अवसरों या केवल नियमित उपयोग के लिए शुद्ध रेशम खरीदना चाहते हैं।
भारत दुनिया में रेशम का शीर्ष उत्पादक है और इस बार एक्सपो में सम्पूर्ण भारत के 14 हथकरघा बुनाई वाले राज्यों के 100 से अधिक कारीगर शामिल हैं जिनमें राजस्थान, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, बिहार, ओडिशा, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, गुजरात, जम्मू और कश्मीर और पश्चिम बंगाल सहित यहां अपने काम की 1,50,000 से अधिक किस्मों की साड़ियों और ड्रेस मैटीरियल को प्रदर्शित कर रहे हैं। अपने राज्यों के सुंदर डिजाइन वाली साड़ियां इन बुनकरों के कौशल का प्रमाण हैं।
नेशनल सिल्क एक्सपो में खरीददारों को हैंड ब्लॉक प्रिंट वाली साड़ियाँ, सूट और सिल्क बेड कवर, डिज़ाइनर ड्रेस मैटीरियल, कुर्तियाँ, चंदेरी, माहेश्वरी, कांजीवरम और कोसा साड़ियां, पोचमपल्ली इक्कत सिल्क, आंध्र प्रदेश की विभिन्न रंगों की साड़ियां, गुजरात की साड़ियों का पारंपरिक गठजोड़ा और पटोला का एक विशेष संग्रह देखने को मिलेगा। बुनकर गडवाल और धर्मावरम किस्म की साड़ियां भी पेश कर रहे हैं। एक्सपो में सबसे महंगा असम का मुंगा सिल्क भी कम कीमतों पर उपलब्ध है। बिहार की जटिल मधुबनी प्रिंट वाली साड़ियां एक्सपो का मुख्य आकर्षण हैं। टसर सिल्क, अपनी सादगी और रंग संयोजन के लिए जाना जाने वाला मुलायम कपड़ा और हाथ से कशीदाकारी कांथा सिल्क भी यहाँ उपलब्ध हैं। एक्सपो ग्राहकों को 1000 रुपये से 150000 रुपये तक के उत्पादों की खरीदारी के लिए आकर्षित करेगा। पारंपरिक थीम वाले आभूषण और फर्निशिंग आइटम सभी यहां उपलब्ध हैं।
नेशनल सिल्क एक्सपो के आयोजक श्री जयेश कुमार ने कहा कि इस प्रदर्शनी का मकसद शुद्ध रेशम उत्पादों को बिना किसी बिचौलियों के हस्तक्षेप के उचित मूल्यों पर सीधे बुनकरों से ग्राहकों तक पहुंचाना है। उन्होंने बताया कि इस तरह की हथकरघा प्रदर्शनी से हमारा मुख्य उद्देश्य बुनकरों को बढ़ावा देना और हथकरघा उद्योग को प्रोत्साहित करना और यह सुनिश्चित करना है कि बुनकरों के उत्पादों को उचित बाजार उपलब्ध करवाया जा सके। इन प्रदर्शनियों के माध्यम से, हम उन जगहों पर भी जहां प्रदर्शनियां संभव नहीं हैं, बुनकरों और उनके उत्पादों के लिए अच्छा बाजार उपलब्ध करने में सफल रहे हैं।