मोहाली/ हर्ट अटैक के दौरान ड्रग-कोटेड बैलून के प्रयोग से स्टेंट की जरूरत कम हो सकती है : एक्सपर्ट
मोहाली : नई ड्रग-कोटेड बैलून तकनीक के प्रयोग के साथ हार्ट अटैक के रोगी के इलाज में मरीज को स्टेंट लगाने की आवश्यकता कम हो सकती है । क्लिनिकल सैन कार्लो मिलानो इटली में कार्डियक कैथ लैब और इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजी के डायरेक्टर डॉ बर्नार्डो कोर्टेस ने शनिवार को आईवीवाई अस्पताल, मोहाली में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान बताया कि तकनीक विशेष रूप से एंजियोप्लास्टी से गुजरने वाले युवा मरीजों के लिए महत्वपूर्ण हो सकती है। डॉ कोर्टेस आईवीवाई अस्पताल में ड्रग-कोटेड बैलून तकनीक पर एक कार्यशाला आयोजित करने के लिए आये हुए थे।
हॉस्पिटल्स के एमडी डॉ कंवलदीप ने कहा कि डॉ कोर्टेस द्वारा कार्यशाला में ड्रग-कोटेड बैलून तकनीक के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी दी गई ।
डॉ कोर्टेस ने कहा कि सैद्धांतिक रूप से स्टेंट-फ्री एंजियोप्लास्टी बेहतर हो सकती है क्योंकि यह दीर्घकालिक समस्याओं, स्टेंट फ्रैक्चर और स्टेंट थ्रोम्बोसिस जो रक्त के थक्के का निर्माण होता है, को रोक सकती है।
पद्म भूषण पुरस्कार से सम्मानित व पीजीआई के पूर्व डायरेक्टर डॉ केके तलवार ने कहा कि इस प्रक्रिया में स्टेंट को एक स्पेसिफिक स्थान पर छोड़ने के बजाय मैकेनिज्म के माध्यम से दवा जारी की जाती है जो धमनियों का विस्तार करती है। यह स्टेंट के दुष्प्रभाव को भी कम करता है। उन्होंने कहा कि इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजी प्रैक्टिस में लगभग 20.25 प्रतिशत प्रक्रिया बैलून से की जा सकती है।
डॉ हरिंदर सिंह बेदी डायरेक्टर कार्डियोवास्कुलर और थोरैसिक सर्जरी, डॉ राकेश शर्मा सीनियर इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजिस्ट, डॉ संजीव इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजिस्ट, डॉ विक्रम अरोड़ा कंसल्टेंट कार्डियक एनेस्थीसिया और संदीप डोगरा सीओओ आईवीवाई हेल्थकेयर ग्रुप भी इस अवसर पर उपस्थित थे।