मोहाली/ सीआरएस एचआईपीईसी- एडवांस्ड एब्डॉमिनल कैंसर के लिए उम्मीद की नई किरण : डॉ रोहिल्ला
पेट के कैंसर से पीड़ित 42 वर्षीय महिला का फोर्टिस मोहाली में सीआरएस एचआईपीईसी सर्जरी के माध्यम से सफलतापूर्वक इलाज
चंडीगढ़ : फोर्टिस मोहाली के सर्जिकल ऑन्कोलॉजी विभाग ने साइटोरेडक्टिव सर्जरी (सीआरएस) और एचआईपीईसी सर्जरी (हाइपरथर्मिक इंट्रापेरिटोनियल कीमोथेरेपी) के माध्यम से स्यूडोमाइक्सोमा पेरिटोनी (पीएमपी) पेट के कैंसर से पीड़ित 42 वर्षीय महिला का सफल इलाज किया। यह मामला इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि पीएमपी कैंसर अत्यंत दुर्लभ होता है, जिसकी घटना दर प्रति मिलियन लगभग 1-2 वर्ष है।
फोर्टिस अस्पताल मोहाली के सर्जिकल ऑन्कोलॉजी और रोबोटिक सर्जन कंस्लटेंट डॉ जितेंद्र रोहिला के नेतृत्व में डॉक्टरों की टीम ने रोगी का इलाज किया। सीआरएस और एचआईपीईसी को पीएमपी कैंसर के लिए गोल्ड स्टैण्डर्ड सर्जिकल उपचार के रूप में स्थापित किया गया है। यह एडवांस्ड एब्डॉमिनल ट्यूमर को खत्म करने के लिए जटिल सर्जरी और इंट्रा-एब्डॉमिनल कीमोथेरेपी का एक संयोजन है। साइटोरेडक्टिव सर्जरी (सीआरएस) में एब्डॉमिनल कैविटी के भीतर कैंसर के सभी स्थलों को हटाना शामिल है, जबकि एचआईपीईसी सर्जरी में पूर्ण सीआरएस सुनिश्चित करने के बाद ऑपरेशन थिएटर के अंदर पेट में हीटिड कीमोथेरेपी का प्रबंध करना शामिल है।
रोगी के पेट में गंभीर सूजन, मल त्यागने की आदतों में परिवर्तन और भूख न लगना था। उन्होंने तीन महीने पहले एक अन्य अस्पताल में संदिग्ध ओवेरियन कैंसर (गर्भाशय, दोनों अंडाशय और अपेंडिक्स को हटा दिया गया था) के लिए एक सर्जरी भी करवाई थी। डायग्नोस्टिक रिपोर्ट में अपेंडिक्स से उत्पत्ति के साथ एक म्यूसिनस ट्यूमर का पता चला। इसके बाद, आखिरकार रोगी ने पिछले महीने फोर्टिस मोहाली में डॉ. रोहिला से संपर्क किया, जहां मेडिकल जांच और सीटी स्कैन में म्यूसिनस एस्किट्स (पेट में जेली जैसा पदार्थ) और पूरे पेट की कैविटी में ट्यूमर जमा होने, पीएमपी कैंसर का संकेत मिला। ट्यूमर बोर्ड के साथ चर्चा के बाद, डॉ. रोहिला ने रोगी की सीआरएस और एचआईपीईसी सर्जरी की।
इस मामले पर चर्चा करते हुए, डॉ. रोहिला ने कहा, “यह एक जटिल सर्जरी थी जिसमें बोवेल रेसेक्शन और लीवर और आंतों से ट्यूमर को हटाना शामिल था। पूर्ण साइटोर्डक्शन में लगभग 8 घंटे लगे। ट्यूमर को हटाने के बाद, 90 मिनट के लिए एचआईपीईसी की गई। ऑपरेशन के बाद रोगी की सेहत में सुधार हुआ और सर्जरी के 10 दिन बाद उसे छुट्टी दे दी गई। वह अब पूरी तरह से ठीक हो गई हैं और आज सामान्य जीवन जी रही हैं।”
सीआरएस और एचआईपीईसी एक प्रमुख सर्जिकल प्रक्रिया है और इसके लिए प्रशिक्षित सर्जन, एनेस्थीसिया की अनुभवी टीम और आईसीयू क्रिटिकल केयर टीम, कीमोथेरेपी से संबंधित जटिलताओं का प्रबंधन करने के लिए अनुभवी मेडिकल ऑन्कोलॉजी टीम, विशेषज्ञ रेडियोलॉजी टीम और कैंसर के प्रकार, चरण और ग्रेड सहित सही निदान के लिए ऑन्कोपैथोलॉजी टीम की आवश्यकता होती है। इसके अलावा पोस्ट-ऑपरेटिव जटिलताओं का प्रबंधन करने के लिए एक इंटरवेंशन रेडियोलॉजी सुविधा, और सुचारू और शीघ्र रिकवरी सुनिश्चित करने के लिए एक रिहेबिलिटेशन टीम शामिल होती है।