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मधुबनी/ बंद पड़े उद्योगों को चालू कर मिथिला का विकास किया जा सकता है : प्रफुल्लचंद्र झा

एम्स का मधुबनी के लोहट चीनी मिल परिसर में स्थानांतरण एक बढ़िया विकल्प


मधुबनी : ज़िला भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता, समाजसेवी प्रफुल्ल चंद्र झा ने मिथिला में बंद उद्योग धंधे पर चिंता जताते हुए कहा है की गुलाम भारत में मिथिला को जो भी उद्योग धंधे जीविकोपार्जन के लिए मिले थे, वो सभी उद्योग धंधे आजादी के 75 साल में बंद हो गए । श्री झा ने कहा है की विकास का ढोल पीटने वाले को थोडीभी शर्म नहीं की विकास का मुख्य उद्देश्य क्या होता है ? मिथिला के प्राचीन उद्योग हस्तकर्घा, खादी, चीनी मील, जूट मिल, पेपर मिल आखिर किस विकास की नीति ने बंद कर दी ? विकाश का मतलब क्या होता है कि हमारे पास जो था वो गायब हो जाय या हम उससे आगे बढ़े ।

विकास का ढोल पीटने वाली विहार सरकार से पूछना चाहता हूं की क्या बिहार को इन आजादी के पछहत्तर साल के वार्ड भी बिहार से पलायन, बंद पड़े उद्योग धंधे के कोन जिम्मेवार हैं ? क्या राजसत्ता सिर्फ होती है खुद का सुख भोगने के लिए ? क्या नीतीश जी एक लम्बे अवधि से बिहार में मुख्यमंत्री के कुर्सी पर आसीन हैं सिर्फ नालंदा को रोजगार और विकाश देने के लिए ? बिहार में मानदेय पर आंगनवाड़ी सेविका, आशा कार्यकर्ता, जीविका दीदी सहित सरकारी काम चलाने के लिए मानदेय पर युवाओं को रोजगार । क्या उस मानदेय पर काम करने वाले परिवारों का भरण पोषण उचित तरीके से संभव है ? सड़क की तो गुणवत्ता गायब । सड़क बनना और साल भर वाद टूटना किस विकाश की गवाही देती है ? नल जल योजना का विकास का ढोल पिटना कहा तक उचित है जब शत प्रतिशत नल जल योजना फेल जमीन पर दिखाई देती हो ?

हाँ विकास हुआ है तो सिर्फ ऑफिसर शाही जहां प्रजातंत्र का दम घुट रहा है । विकास हुआ है तो सिर्फ़ भ्रष्टाचार का, जिसके साए में सभी प्रकार के अपराध फल फूल रहे हैं । होने वाली सरकारी घोषणा के अनुकुल विकास भ्रष्टाचार के साए में दम तोड़ रही है ।

मिथिला के विकास के तहत दरभंगा में आए एम्स हॉस्पिटल दो साल में स्वीकृत के वाद भी उसका निर्माण ठप है । वर्तमान में सुनने में आया है की उसे भी दरभंगा से हायाघाट स्थानांतरण का प्रयास है, वो भी अशोक पेपर मिल के जमीन पर जो बिबादित है और जिस पर उच्च न्यायालय में मुकदमा चल रहा है, ऐसे में वहा भी संभव नहीं है । प्रफुल्ल चंद्र झा ने सरकार से मांग की है की अगर बिहार सरकार की मंशा एम्स निर्माण की है तो सरकार की अपनी निर्विवादित भूमि 200 एकड़ मधुबनी जिले के लोहट में सरकार के अपने अधीन है, जहां सरकार एम्स का निर्माण का आदेश दे जो मिथिला के लोगों में सरकार के विकाश की आस प्रदर्शित होंगी । लोहट एम्स निर्माण की सभी मानक को पुरा करती है । ऐसा होने पर सरकार की वाहवाही भी होगी, क्योंकि लंबे समय से बिहार सरकार के मुखिया नीतीश कुमार जी आपने चुनावी भाषण में कहते रहे की हम चुनाव जीतेंगे तो लोहट मील चलाएंगे लेकीन आज स्क्रैप भी बेच दी गईं । हम इलाके की जनता मांग करते हैं की चीनी मील तो नहीं दिया लोहट को आपने, अब उस जगह एम्स हॉस्पिटल देकर अपने मिथिला के प्रति स्वस्थ मानसिकता को प्रदर्शित करें ।