पंचकूला/ आठ राज्यों की नृत्य कला, लोक गीत, लोक वाद्यों को लेकर लोक नृत्य उत्सव का हुआ आयोजन
✍️ सोहन रावत, चंडीगढ़
संगीत और वाद्य यंत्रों की मधुर ध्वनि से गुंजायमान हुआ इंद्रधनुष सभागार
लोकनृत्य उत्सव के माध्यम से सांस्कृतिक आदान प्रदान करना संस्कार भारती की एक अनूठी पहल : सुरेश गोयल
पंचकूला : अखिल भारतीय कला क्षेत्र के संगठन संस्कार भारती की पंचकूला इकाई द्वारा भारत के अमृत महोत्सव के उपलक्ष्य पर उत्तर क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र, पटियाला के सहयोग से इंद्रधनुष ऑडिटोरियम, पंचकूला में लोक नृत्य उत्सव का आयोजन किया गया, जिससे शहरवासियों को आठ राज्यों की नृत्य कला, लोक गीत, लोक वाद्यों को जानने व समझने का अवसर प्राप्त हुआ।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि के तौर पर पंचकूला विधायक एवं हरियाणा विधानसभा अध्यक्ष श्री ज्ञानचंद गुप्ता ने शिरकत की। इस दौरान उनके साथ संस्कार भारती के उत्तर क्षेत्र प्रमुख श्री नवीन शर्मा, पंचकूला इकाई के अध्यक्ष सुरेश गोयल, मंत्री सतीश अवस्थी तथा उत्तर क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र, पटियाला के निदेशक फुरकान खान व नगर निगम के मेयर कुलभूषण गोयल, शहर के जाने-माने व प्रतिष्ठित कलासाधक जैसे पंजाब की लोक गायिका और संस्कार भारती पंजाब प्रांत की अध्यक्षा सुखमिंदर कौर बराड़, शास्त्रीय गायक पण्डित अरविंद शर्मा, चित्रकार श्री रवीन्द्र शर्मा, गज़ल व भजन गायक श्री कुंवर जगमोहन प्रसिद्ध रंगकर्मी श्री सुदेश शर्मा व अन्य गणमान्य लोग उपस्थित थे। इनके अलावा संस्कार भारती के अन्य सदस्यों में मयंक बिंदल, अनिल गुप्ता, नरेश चौधरी, डॉ० प्रतिभा माही, मीनाक्षी जैन, मीनू अलावदी, मोनिका गहलावत, सुरेश सिरसवाल, दीपक गोयल तथा योगेश सिंगला उपस्थित थे।
कार्यक्रम की शुरुआत मुख्य अतिथि के तौर पर पंचकूला विधायक एवं हरियाणा विधानसभा अध्यक्ष श्री ज्ञानचंद गुप्ता और कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि श्रीमान फुरकान खान, निदेशक एनज़ेडसीसी पटियाला ने दीप प्रज्वलित करके की। जिसके उपरांत इस भव्य उत्सव में आठ राज्यों त्रिपुरा,मणिपुर,असम, पंजाब, हरियाणा, लेह-लद्दाख, हिमाचल प्रदेश, सिक्किम के सांस्कृतिक लोककला के कलासाधकों ने अपने राज्य मे प्रचलित लोकगीतों, लोकवाद्यों और लोकनृत्यों का उत्कृष्ट प्रदर्शन किया, साथ ही कार्यक्रम में हरियाणा राज्य की सांस्कृतिक प्रदर्शन की भी झलकी देखने को मिली। कलाकारों की एक के बाद एक नृत्य कला प्रस्तुति ने दर्शकों का समां घंटों बांधे रखा और उन्हें मंत्रमुग्ध कर दिया। त्रिपुरा के कलाकारों ने होज़गीरी, मणिपुर ने पुंगचोलम/थांगता, लाई हराओब, सिक्किम ने तमांग सेलो,, हिमाचल प्रदेश ने गद्दी नटी, लेह- लद्दाख ने जबरू, पंजाब ने झूमर नृत्य की प्रस्तुति से सभी कदिल जीत लिया। इतना ही नही, संगीत की मधुर ध्वनि ने पूरे वातावरण सहित सभागार को अपने में समा लिया।
पंचकूला विधायक एवं हरियाणा विधानसभा अध्यक्ष श्री ज्ञानचंद गुप्ता ने अपने सम्बोधन में कहा कि भारत की कलाओं में जीवंतता है। ये सबको अपने साथ जोड़ लेती हैं। लोककला तो हमारी मिट्टी की खुशबू है, हमारे कला-इतिहास की वो थाती है जो पीढ़ी दर पीढ़ी समाज को संस्कारित और शिक्षित करती आ रही है। ये समाज की वो जागरूक कला है जो कहीं भी किसी भी समय अंतरात्मा को झकझोर देती हैं। उन्होंने कहा कि लोक कलाएं हमारे राष्ट्र जीवन की आत्मा की अभिव्यक्ति है। इन लोक कलाओं में ही भारत के प्राण बसते हैं। संस्कार भारती की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि कि संस्था कलाओं के माध्यम से संस्कारों को परिष्कृत करने में समाज में संस्कार जागरण का कार्य कर रही है। श्री गुप्ता ने कहा कि ऐसे कार्यक्रम के आयोजन से शहर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होगा। इस दौरान उन्होंने प्रस्तुति देने आए सभी ककारों का अभिनंदन किया।
इस अवसर पर संस्कार भारती, पंचकुला के अध्यक्ष सुरेश गोयल ने अपने संबोधन में कहा कि सांस्कृतिक आदान-प्रदान के अंतर्गत संस्कार भारती का यह अनूठा प्रयास है। इससे विभिन्न राज्यों की सांस्कृतिक एकता को तो बल मिलेगा ही, साथ ही समाज को भी एक-दूसरे के सांस्कृतिक वैभव व कला-साहित्य के कलात्मक दर्शन हो सकेंगे।
उन्होंने कहा कि संस्कार भारती कला क्षेत्र का अखिल भारतीय संगठन है जो एक साथ आठ कला-विधाओं में कार्य कर रहा है, उन्हीं कला विधाओं में से एक कला विधा है ‘लोककला विधा’ जिसके अंतर्गत हम प्रत्येक राज्य की वैभव सम्पन्न तथा कला- इतिहास से सिंचित लोकगीतों, लोक वाद्यों और लोक नृत्यों का संरक्षण व उसके संवर्धन का प्रयास करते रहते हैं। भारत के विभिन्न राज्यों में अपनी कला को परिष्कृत करने के प्रयास कर रहे लाखों कलाकार व प्रतिष्ठित कलासाधक संस्कार भारती से जुड़कर अपने सपनों के गौरवशाली भारत के निर्माण के लिए समाज जागरण करने हेतु कलात्मक सहयोग कर रहे हैं। हमें पूरा विश्वास है कि इस क्षेत्र के सभी कलाप्रेमी, कलावंत और समाज के सभी लोग इस कार्यक्रम से बहुत कुछ समझेंगे होकर कलासाधकों का सम्मान करेंगे।
फुरकान खान, निदेशक एनज़ेडसीसी पटियाला ने कहा कि सरकार की योजनानुसार हम भारत की कला के लिए समर्पित हैं और कला और कलासाधकों के उत्थान के लिए समग्र प्रयास जारी हैं।
इस कार्यक्रम का संचालन प्रसिद्ध पंजाबी लोक कलाकार श्री संजीव शाद ने किया।