सहरसा/ जिलाधिकारी की अध्यक्षता में हुई स्वास्थ्य विभाग की समीक्षात्मक बैठक
स्वास्थ्य विभाग के सभी कार्यक्रमों पर विन्दुवार की गयी चर्चा
सराहनीय कार्य के लिए आशा एवं एएनएम को मिला सम्मान
सहरसा : जिलाधिकारी आनंद शर्मा की अध्यक्षता में शनिवार को स्वास्थ्य विभाग की मासिक समीक्षात्मक बैठक का आयोजन जवाहर विकास भवन के सभागार में किया गया। जिसमें सिविल सर्जन डा. किशोर कुमार मधुप, एसीएमओ डा. रविन्द्र मोहन, जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डा. कुमार विवेकानंद, जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डा. रविन्द्र कुमार, सदर अस्पताल अधीक्षक डा. एस. के. विश्वास, जिला स्वास्थ्य समिति के जिला कार्यक्रम प्रबंधक विनय रंजन, जिला सामुदायिक उत्प्रेरक राहुल किशोर, जिला मूल्यांकन एवं अनुश्रवण पदाधिकारी दीपक कुमार दिवाकर, अस्पताल प्रबंधक सिम्पी कुमारी, सभी प्रखंडों के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी, प्रखंड स्वास्थ्य प्रबंधक, प्रखंड सामुदायिक उत्प्ररेक, सहयोगी संस्था यूनिसेफ के एसएमसी बंटेश नारायण मेहता, सैयद मजहरूल हसन, केयर इंडिया के डीटीएल रोहित रैना, यूएनडीपी के मो. मुमताज खालिद, सीफार के प्रतिनिधि सहित अन्य चिकित्सा पदाधिकारी एवं स्वास्थ्य कर्मी मौजूद रहे।
जिलाधिकारी की अध्यक्षता में स्वास्थ्य विभाग की समीक्षात्मक बैठक के दौरान जिला कार्यक्रम प्रबंधक विनय रंजन द्वारा जिले की उपलब्धि संबंधी आंकड़ों का विन्दुवार प्रस्तुतिकरण किया गया। जिलाधिकारी द्वारा समीक्षात्मक बैठक के दौरान जिले में गर्भवती माताओं को प्रसव पूर्व जांच की गहन समीक्षा की गयी। इस दौरान जिले के औसत से कम आच्छादन वाले प्रखंडों को जिलाधिकारी द्वारा बढ़ाने के उपायों पर जोर देने एवं अच्छा प्रदर्शन कर रहे प्रखंडों का उत्साहवर्धन किया गया। जिले में कुल प्रसव पूर्व जांच हेतु गर्भवती माताओं का निबंधन अक्टूबर माह तक की अपेक्षित उपलब्धि स्तर 37 हजार 769 के विरुद्ध 49 हजार 773 किया गया, जो लक्ष्य का 132 प्रतिशत है। जिले में 84 प्रतिशत गर्भवती माताओं की प्रथम प्रसव पूर्व जाँच की गयी। जिसमें पंचगछिया व नवहट्टा में प्रसव पूर्व जांच जिले के औसत 84 प्रतिशत से अधिक क्रमशः 106 व 103 प्रतिशत रहा। वहीं मात्र दो संस्थानों सदर अस्पताल एवं सोनवर्षा का आच्छादन जिले के औसत से कम रहा। जिसपर जिलाधिकारी द्वारा इसे बढ़ाने के लिए आवश्यक कदम उठाने के निदेश जारी किये गये। इसी प्रकार जिलाधिकारी द्वारा चतुर्थ प्रसव पूर्व जांच, संस्थागत प्रसव, चतुर्थ प्रसव पूर्व जांच के आधार पर संस्थागत प्रसव संबंधी अन्य आंकड़ों का विश्लेषण करते हुए आवश्यक दिशा निर्देश जारी किये गये। जिलाधिकारी द्वारा जिले में पूर्ण टीकाकरण आच्छादन पर गहन समीक्षा के दौरान जिले में पूर्ण टीकाकरण की स्थिति में भी अपेक्षित सुधार दिखे हैं। जिले मे पूर्ण टीकाकरण का औसत 95.92 प्रतिशत रहा। सलखुआ, सिमरी बख्तियारपुर एवं बनमा ईटहरी प्रखंडों में पूर्ण टीकाकरण की स्थिति शत् प्रतिशत से अधिक रही वहीं मात्र दो प्रखंडों में पूर्ण टीकाकरण की स्थिति जिले के औसत से कम पायी गयी। इसके लिए जिला पदाधिकारी द्वारा बच्चों को सभी टीके समय पर लगाने के लिए उन्हें आवश्यक दिशा निर्देश जारी किये गये।उन्होंने कहा जिस तरह अपने बच्चों को सभी टीका समय पर लगवाते हैं, उसी तरह सभी दूसरे बच्चों को भी टीका लगाया जाय। किसी भी परिस्थिति में एक भी बच्चा न छूटे इसका विशेष ध्यान रखना जरूरी है। एएनएम द्वारा शतप्रतिशत ड्यू लिस्ट के आधार पर सभी बच्चों को टीका लगाया जाय। ताकि जिले के सभी बच्चे ससमय प्रतिरक्षित हो पायें। जिलाधिकारी द्वारा सी-सेक्शन प्रसव की भी समीक्षा की गई। इस दौरान जिले में सम्पादित कुल 44 सी-सेक्शन डिलेवरी में से 12 सी-सेक्शन डिलेवरी सदर अस्पताल में कार्यरत चिकित्सक डा. नेहा द्वारा सम्पादित किये जाने पर उनका धन्यवाद देते हुए अन्य चिकित्सकों को उनसे प्रेरणा लेने को कहा। जिलाधिकारी द्वारा समीक्षात्मक बैठक के दौरान प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान, लक्ष्य, कायाकल्प, परिवार नियोजन, एनसीडी स्क्रीनिंग, टीबी उन्मूलन, औषधी पोर्टल, कालाजार, आयुष्मान भारत सहित अन्य स्वास्थ्य कार्यक्रमों एवं आधारभूत संरचना आदि की भी समीक्षा की गयी।
जिलाधिकारी आनंद शर्मा द्वारा समीक्षात्मक बैठक के अंत में जिले में सराहनीय कार्य कर रहीं आशा एवं एएनएम को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित भी किया गया। 45 सूचकांकों को आधार मानते हुए एएनएम एवं 41 सूचकांकों को आधार मानते हुए आशा कार्यकर्त्ताओं को प्रशस्ति पत्र देकर जिलाधिकारी द्वारा सम्मानित किया गया। जिसमें एएनएम अर्चना कुमारी, सोनबरसा को प्रथम, पूनम देवी , कहरा को द्वितीय एवं सुमन सिन्हा, पतरधट को तृतीय स्थान प्राप्त हुआ वहीं आशा कार्यकर्त्ता संजू कुमारी, बनगावं-1, रंजन देवी, सिमरीबख्तियारपुर, नीलम देवी , को क्रमशः प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थान प्राप्त हुआ।