सहरसा/ जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी ने किया टीकाकरण सत्र स्थल का निरीक्षण
जन्म से लेकर 16 वर्ष तक के बच्चों के लिए हर टीका जरूरी
दिए गए टीकाकरण कार्यक्रम संबंधित महत्वपूर्ण दिशा-निर्देश
सहरसा : बच्चे के जन्म के साथ समय-समय पर उसका टीकाकरण करवाना आवश्यक है। नियमित टीकाकरण न करवाने वाले बच्चे जानलेवा बीमारी से ग्रसित हो सकते हैं। जन्म से लेकर 16 साल तक की उम्र तक बच्चे के लिए हर टीका बहुत जरूरी है, क्योंकि यह उसे कई गंभीर बीमारियों से बचाता है। जिले में चल रहे नियमित टीकाकरण सत्र स्थल पर बच्चों को टीके लगाए जा रहे हैं । जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ कुमार विवेकानंद ने सलखुआ प्रखंड के आंगनबाड़ी केंद्र संख्या -98 स्थित टीकाकरण स्थल का निरीक्षण किया। उन्होंने वहाँ मौजूद आंगनबाड़ी सेविका ,आशा एवं एएनएम को ड्यू लिस्ट ,सर्वे लिस्ट संबंधित दिशा निर्देश दिए। साथ ही कहा कि क्षेत्र के सभी बच्चों का शत-प्रतिशत टीकाकरण करें । ताकि एक भी लाभार्थी ना छूटे । उन्होंने निरीक्षण के दौरान लाभुकों को सुरक्षित प्रसव, शिशु के स्वस्थ्य शरीर निर्माण और नियमित टीकाकरण के प्रति जागरूक किया । इस मौके पर कहा कि बच्चों का नियमित टीकाकरण और गर्भवती महिलाओं का टीकाकरण कई गंभीर बीमारी से बचाव करता है। प्रसव के दौरान जटिलताओं से सामना करने की भी संभावना बहुत कम हो जाती है। इस मौके पर यूनिसेफ के बीएमसी कुमार अभिषेक तथा अन्य स्वास्थ्य कर्मी एवं लाभुक मौजूद थे।
जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ कुमार विवेकानंद ने बताया कि सम्पूर्ण टीकाकरण शिशुओं के जीवन और भविष्य को सुरक्षित रखने के लिए सुरक्षा कवच का काम करता है। अपने शिशुओं को सभी टीके लगवाकर हम अपने समुदाय के सबसे अधिक जोखिमग्रस्त सदस्य नवजात शिशु की सुरक्षा करते हैं। उन्होंने बताया कि एक समय हजारों बच्चों की जान लेने वाली बीमारियां जैसे पोलियो, स्मॉल-पॉक्स आदि का उन्मूलन टीकाकरण के कारण किया जा सका है। आज टीकाकरण के कारण ही बच्चों में होने वाली अन्य बीमारियां भी उन्मूलन की कगार पर हैं।
जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ. कुमार विवेकानंद ने बताया की शिशुओं को जन्म पर बीसीजी, ओपीवी-0, हेपेटाइटिस-बी का टीका लगाएं तथा 6 हफ्ते पर ओपीवी-1, रोटा-1,एफआईपीवी-1,पेंटावेलेंट-1 का टीका लगाएं ।
-10 हफ्ते पर ओपीवी-2, रोटा-2, पेंटावेलेंट-2 का टीका लगाएं
-14 हफ्ते पर ओपीवी-3, रोटा-3, एफआईपीवी-2, पेंटावेलेंट-3 का टीका लगाएं
-9 महीने पर एमसीवी-1, विटामिन-ए का टीका लगाएं
-16-24 महीने पर डीपीटी-बी, ओपीवी-बी, एमसीवी-2, विटामिन-ए का टीका लगाएं
-5-6 साल पर डीपीटी-बी 2 का टीका लगाएं
-10 साल पर टीटी का टीका
-16 साल पर टीटी-1 व टीटी-2 टीका लगा कर हम बच्चों को
इन बीमारियों -टीबी, पोलियो, रोटावायरस दस्त, काली खांसी, टिटनेस, हेपेटाइटिस बी, खसरा, हिब-निमोनिया और मेनिनजाइटिस से बचाते हैं ।
जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ. कुमार विवेकानंद ने कहा कि पोलियो की खुराक के तुरंत बाद शिशु को स्तनपान कराया जा सकता है। टीके लगे स्थान पर यदि सूजन हो तो उस पर ठंडे पानी की पट्टी रख सकते हैं। बीसीजी के टीके लगे स्थान पर कोई फफोला हो तो घबराएं नहीं। टीका लगाने के बाद किसी भी प्रकार की एलर्जी हो या बुखार आए तो डॉक्टर की परामर्श से दवाइयां लें।