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सहरसा/ बाल हृदय योजना के तहत जांच के लिए 5 बच्चे भेजे गये पटना

अहमदाबाद से आये चिकित्सकों के दल द्वारा की गयी स्क्रीनिंग

आरबीएसके टीम की अहम भूमिका

सहरसा : बिहार सरकार द्वारा जन्म से दिल में छेद की बीमारी से पीड़ित बच्चों के इलाज के लिए बाल हृदय योजना की शुरुआत की गई है। इस योजना के तहत अहमदाबाद में इस प्रकार के बच्चों का बिहार सरकार द्वारा निःशुल्क इलाज करवाया जाता है। राष्ट्रीय बाल सुरक्षा कार्यक्रम के जिला समन्वयक डा. संजय कुमार शर्मा ने बताया इस योजना के आरंभ हो जाने से जिले के वैसे माता-पिता जो इस प्रकार की गंभीर बीमारी से ग्रसित अपने बच्चों का इलाज कराने में असमर्थ थे, को राज्य सरकार द्वारा काफी सहयोग मिल रहा है।

राष्ट्रीय बाल सुरक्षा कार्यक्रम के जिला समन्वयक डा. शर्मा ने बताया जिले से इस बार 5 हृदय रोग से ग्रसित बच्चों को निःशुल्क जांच के लिए इंदिरा गांधी हृदय रोग संस्थान, पटना भेजा गया है। जिनमें 1 माह की बच्ची बेबी, 17 वर्षीय आर्यन श्रीवास्तव, 4 माह के अनिमेष कुमार एवं अनुभव आदर्श, 3 वर्षीय ओम कुमार शामिल हैं। इस सभी बच्चों के हृदय रोग संबंधी जानकारी होने पर राष्ट्रीय बाल सुरक्षा कार्यक्रम की टीम द्वारा 102 एम्बुलेंस के माध्यम से बीते गुरुवार को जांच के लिए पटना भेजा गया है। जहां पर अहमदाबाद से आये चिकित्सकों के दल द्वारा इनकी स्क्रीनिंग की गई। जिसके तहत हृदय रोग संबंधी विभिन्न प्रकार की जांच करते हुए आगे की कार्यवाही सुनिश्चित की जाएगी। इस योजना के तहत जन्म से हृदय रोग ग्रसित बच्चों का इलाज बिहार सरकार द्वारा मुफ्त में करवाया जाता है।

डा. संजय कुमार शर्मा ने बताया कि जिले में अभी तक इस तरह का इलाज मुख्यमंत्री की आकांक्षी योजना सात निश्चय- 2 की महत्वाकांक्षी योजना बाल हृदय योजना के तहत किया जा रहा है। इन सभी बच्चों की जांच के बाद इनका मुफ्त इलाज भी इसी योजना के तहत किया जाएगा। जिसमें अभिभावकों को इलाज संबंधी किसी प्रकार का भुगतान नहीं करना पड़ेगा। यही नहीं इलाज के बाद भी स्वास्थ्य विभाग की टीम इन बच्चों पर नजर बनाये रखेगी तथा बराबर सम्पर्क में रहेगी।

राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के जिला समन्वयक डा. शर्मा ने बताया जिले में कार्यरत आरबीएसके टीम काफी सक्रिय होकर अपनी भूमिका निभा रही है। बच्चों के हृदय संबंधी जन्मजात परेशानियों को लेकर सामुदायिक स्तर से लेकर जिला तक इस टीम के सदस्य काफी क्रियाशील हैं। जैसे ही किसी बच्चे को उनके जन्मजात बीमारियों से ग्रसित होने की जानकारी मिलती है, दल के सदस्य उनसे सम्पर्क कर उन्हें उचित स्वास्थ्य सलाह मुहैया कराते रहते हैं। यही नहीं क्षेत्र भ्रमण पर गये स्वास्थ्य कर्मी, सहयोगी संस्था के प्रतिनिधि आदि को भी इस संबंध में जानकारी होने पर उनके द्वारा हमारी टीम के साथ समन्वय स्थापित कर उचित जानकारी उपलब्ध करायी जाती है।