पंचकूला/ शास्त्रीय संगीत से जुड़े प्रख्यात गायक डॉ अरविंद शर्मा संस्कार भारती द्वारा हुए सम्मानित
✍️ सोहन रावत, चंडीगढ़
पंचकुला : रविवार को कला और साहित्य की अखिल भारतीय संस्था संस्कार भारती, पंचकुला ने आजादी के 75वें वर्ष पर अमृत महोत्सव के अवसर पर पंजाब विश्वविद्यालय, चंडीगढ़ के संगीत विभाग में पूर्व प्रमुख और प्रोफेसर तथा वर्तमान में संगीत संस्थान गांधर्व संगीत महाविद्यालय, पंचकुला के निर्देशक व हिंदुस्तानी शास्त्रीय/अर्ध शास्त्रीय गायक पंडित डॉ अरविंद शर्मा को कला विभूति सम्मान देकर सम्मानित किया गया। यह सम्मान पंडित डॉ अरविंद शर्मा को उनके शास्त्रीय संगीत जगत में उत्कृष्ट प्रदर्शन के कारण दिया गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के तौर पर प्रसिद्ध समाज सेवी तथा व्यवसायी अमिताभ कुमार रुंगटा, प्रबंध निदेशक, मेडीटच वेलनेस ने भी अपनी उपस्थिति दर्ज करवाई।
इस अवसर हरियाणा ग्रंथ अकादमी, पंचकूला के उपाध्यक्ष वीरेंद्र सिंह चौहान, संस्कार भारती, उत्तर क्षेत्र प्रमुख नवीन शर्मा तथा पंचकुला इकाई के पदाधिकारी सुरेश गोयल, अध्यक्ष, सतीश अवस्थी, मंत्री, कोषाध्यक्ष अनिल गोयल, सह मंत्री मयंक बिंदल, दीपक गोयल, प्रसार प्रचार प्रमुख, जोगिन्द्र अग्रवाल, व्यवस्था प्रमुख, पूनम गोयल, मीनाक्षी जैन, मीनू अलावदी एवं अनुपम अग्रवाल उपस्थित थे।
कार्यक्रम की शुरूआत गुरु वंदना से की गई। जिसके पश्चात् कला गुुरु पंडित डॉ अरविंद शर्मा के सम्मान में उनके शिष्यों द्वारा मनमोहक सांस्कृतिक कार्यक्रम की प्रस्तुति दी गई। संगीत विद्यार्थियों ने अपनी प्रस्तुति में गुरु गरिमा गायन, चैतन्या सर्वभूतानं, शब्द गायन, कोकिला बोले अम्बवा की डाल में व अन्य गायन बखूबी प्रस्तुत किया।
पंडित डॉ अरविंद शर्मा ग्वालियर घराने की प्रतिष्ठित परंपरा वाले संगीतकारों के परिवार और संगीत महा ऋषि पंडित विष्णु दिगंबर जी पुष्कर की एक शानदार वंशावली में जन्मे हैं। मात्र 6 साल की उम्र में एक बच्चे के रूप में प्रदर्शन करना शुरू किया। शुरूआत में उनके पिता स्वर्गीय पंडित रमेश चंद्र दत्त से संगीत का प्रशिक्षण मिला। बाद में दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रख्यात संगीतकारों और विद्वानों से जिनमें पद्मश्री पंडित विनय चंद्र मोदगिल और पंडित बसंत ठाकुर से संगीत का प्रशिक्षण प्राप्त किया। वर्तमान में पंडित डॉ अरविंद शर्मा ग्वालियर घराने के पंडित एल के पंडित के मार्गदर्शन में प्रशिक्षण दे रहे हैं। वे नियमित रूप से देश में विभिन्न शास्त्रीय संगीत कार्यक्रमों में प्रदर्शन करते रहे हैं।
पंडित डॉ अरविंद शर्मा ने देश के अधिकांश विश्वविद्यालयों की सांस्कृतिक परंपराओं और संगीत की पवित्रता को बनाए रखते हुए एक संगीत परीक्षक के रूप में यात्रा की है। पारंपरिक संगीत के अलावा उन्होंने संगीत के विभिन्न रूपों की रचना की है। वे कार्यकारी भारतीय राष्ट्रीय रंग मंच चंडीगढ़ के सदस्य और एबीजीएमवी मंडल मुंबई के एक आजीवन सदस्य हैं। वे संस्कार भारती द्वारा हरियाणा कला विभूति और कलाकृति सम्मान के प्राप्तकर्ता भी हैं। पंडित डॉ अरविंद शर्मा एक प्रमुख शिक्षक परामर्शदाता है और उन्होंने लगभग 60 शोध छात्रों और 10 से अधिक पीएचडी छात्रों को मार्गदर्शन किया है।