चंडीगढ़/ पर्यावरण हित में निरंतर वृद्धि एवं सकारात्मक प्रभाव बनाए रखने के लिए काम कर रही है आईएचसीएल
✍️ सोहन रावत, चंडीगढ़
चंडीगढ़ : पर्यावरण के हित में निरंतर वृद्धि एवं सकारात्मक प्रभाव बनाए रखने के लिए एकीकृत दृष्टिकोण के साथ काम कर रही इंडियन होटल्स कंपनी (आईएचसीएल) प्रतिबद्धता के साथ अपने कामकाज में संवहनीय तौर-तरीकों को निरंतर मजबूत करती जा रही है।
आईएचसीएल का एक फ्रेमवर्क है ’पथ्य’ जिसके मार्गदर्शन में आईएचसीएल ने पर्यावरण के हित में कई पहल कदमियां की हैं जिनमें शामिल हैं- सिंगल यूज़ प्लास्टिक को चरणबद्ध तरीके से इस्तेमाल से हटाना, कार्बन फुटप्रिंट में कमी लाना, जल संरक्षण, ऊर्जा के नवीकरणीय स्त्रोतों का उपयोग तथा व्यापक स्तर पर समुदाय को इस कार्य में साथ जोडऩा।
इसके साथ ही आईएचसीएल के कुल 77 अर्थचैक सर्टिफाइड होटलों ने वर्ष 2008 से अब तक महत्वपूर्ण बचतें की हैं, पानी की खपत को लगभग 7,80,940 किलो लीटर तक कम किया है, ग्रीन हाउस गैसों के उत्सर्जन को घटाया है जिसमें लगभग 28,60,06,980 किलोग्राम कार्बन डाइऑक्साइड के समकक्ष है, लगभग 1,54,82,83,817 मेगा जूल्स ऊर्जा की बचत हुई है, लैंडफिल में भेजे जाने वाले कचरे में 18,790 क्यूबिक मीटर की कमी हुई है, दुनिया भर में कंपनी के 15 होटलों में बॉटलिंग प्लांट स्थापित किए गए हैं ताकी सिंगल यूज़ प्लास्टिक का इस्तेमाल खत्म किया जा सके, और इसके लिए पानी की सभी प्लास्टिक बोतलों को रियूज़ेबल कांच की बोतलों से बदला जाएगा।
जिम्मेदार पर्यटन को आगे बढ़ाने के दीर्घकालिक ध्येय के साथ आईएचसीएल ने पथ्य के अंतर्गत वर्ष 2030 तक संवहनीयता के विषय पर अपनी प्रतिबद्धताएं घोषित की हैं। इनमें शामिल हैं कंपनी के सभी होटलों से सिंगल यूज प्लास्टिक का 100 प्रतिशत उन्मूलन, अपशिष्ट जल का 100 प्रतिशत पुन:उपयोग तथा सभी कारोबारी मुलाकातें व सभाएं ’इनरजाइज़-ग्रीन मीटिंग्स’ के साथ पर्यावरण के अनुकूल होंगी।
इसके अलावा कार्बन फुटप्रिंट घटाने पर ध्यान देते हुए आईएचसीएल ने टाटा पावर के साथ सहभागिता की है ताकी अहम जगहों पर होटलों में ईवी चार्जिंग स्टेशन प्रदान किए जाएं। कंपनी इस साझेदारी का लाभ उठाते हुए अपने होटलों में ग्रीन ऐनर्जी स्त्रोत के तौर पर नवीकरणीय ऊर्जा का भी उपयोग कर रही है।