News4All

Latest Online Breaking News

सहरसा/ विश्व स्वास्थ्य दिवस विशेष : शारीरिक व मानसिक स्वास्थ्य दोनों जरूरी

रहें स्वास्थ्य के प्रति जागरूक

 

मानसिक तौर पर भी स्वस्थ्य रहना जरूरी

 

सहरसा :  विश्व के सभी देशों में 7 अप्रैल को विश्व स्वास्थ्य दिवस के तौर पर मनाया जाता है। इस वर्ष मनाये जा रहे विश्व स्वास्थ्य दिवस का उद्घोष है ऑवर प्लेनेट, ऑवर हेल्थ यानि हमारा ग्रह, हमारा स्वास्थ्य। 1950 से प्रत्येक वर्ष 7 अप्रैल को विश्व स्वास्थ्य दिवस के तौर पर मनाये जाने का उद्देश्य लोगों में अपने स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता लाना है। लोगों को अपने स्वास्थ्य के प्रति जागरूक रहना आवश्यक है। स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता कई प्रकार की बीमारियों से बचाव का महत्वपूर्ण तरीका है। कोई भी व्यक्ति बीमार नहीं होना चाहता लेकिन अपने स्वास्थ्य के प्रति बरती गई लापरवाही उन्हें गंभीर रूप से बीमार कर देती है।

रहें स्वास्थ्य के प्रति जागरूक

विश्व स्वास्थ्य दिवस के मौके पर सिविल सर्जन डा. किशोर कुमार मधुप ने बताया स्वस्थ्य व्यक्ति से ही स्वस्थ्य समाज संभव है । स्वस्थ समाज ही एक समृद्ध राष्ट्र का निर्माण कर सकता है। इसलिए लोगों का स्वस्थ्य रहना जरूरी है । यह तभी संभव है जब हम अपने स्वास्थ्य के प्रति जागरूक होंगे। अपनी सभी प्रकार की प्रतिबद्धताओं के बावजूद लोगों को चाहिए कि वे अपने स्वास्थ्य के उचित देखभाल के लिए समय अवश्य निकालें। उन्होंने बताया नवजात एवं कम उम्र के बच्चों का ख्याल तो एक माता-पिता के तौर पर सभी लोग करते हैं। इस दौरान उनके सभी प्रकार की स्वास्थ्य समस्याओं के प्रति लापरवाही नहीं बरतते हैं। वहीं बढ़ती उम्र के साथ लोग अपने स्वास्थ्य के प्रति कहीं न कहीं लापरवाह दिखते हैं। स्वास्थ्य संस्थानों में आये लोगों में अधिकाशं वैसे ही लोग मिलते हैं जो अपने स्वास्थ्य के प्रति कहीं न कहीं लम्बे समय तक लापरवाही कर चुके होते हैं, जिसका परिणाम गंभीर बीमारियों से ग्रसित होने के रूप में सामने आता है। खासकर मधुमेह, रक्तचाप, हृदय एवं गुर्दे की बीमारी, टीबी आदि कुछ ऐसी बीमारियाँ हैं जो अपने स्वास्थ्य के प्रति लापरवाही से हो जाती है। इसलिए लोगों से विश्व स्वास्थ्य दिवस के मौके पर अपील करना चाहूँगा कि वे अपने स्वास्थ्य के प्रति लापरवाही न बरतें, अपने स्वास्थ्य की देखभाल के लिए समय अवश्य निकालें।

मानसिक तौर पर स्वस्थ्य रहना बहुत जरूरी

सिविल सर्जन ने बताया विगत कुछ वर्षों से हम सभी वैश्विक महामारी कोरोना के दौर के गुजरे हैं। इस दौरान लोगों को कई प्रकार की पाबंदियों का सामना करना पड़ा। कई जगहों पर काम करने वाले बड़े संख्या में लोगों को इन पाबंदियों के दौर से गुजना पड़ा। ऐसे में पाबंदियों से उत्पन्न परिस्थितियों ने लोगों के मानसिक स्वास्थ्य पर अच्छा खासा प्रभाव डाला है। इससे इनकार नहीं किया जा सकता है। इसलिए लोगों को मानसिक तौर पर स्वस्थ्य रहना बहुत जरूरी है।