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सहरसा/ कोरोना से सुरक्षा के लिए लोगों को जागरूक करने में जूही ने निभाई अहम भूमिका

अंततः कोविड टीका ही बना मजबूत हथियार : जूही भारती

टीकाकरण को ले लोगों में व्याप्त अफवाहों एवम् भ्रांतियों को भी किया कम

 

सहरसा : कोरोना काल में लोगों को टीकाकरण व जांच के लिए जागरूक करने में स्वास्थ्यकर्मियों व फ्रंटलाइन वर्कर के साथ सामाजिक संस्थाओं व सामाजिक कार्यकर्ताओं ने अहम भूमिका निभाई है। इन सामाजिक कार्यकर्ताओं में सहरसा निवासी जूही भारती भी शामिल हैं।वह लगभग दस वर्ष से समाज सेवा में सक्रिय हैं । वह कोरोना की पहली लहर से ही लोगों को कोरोना से बचाव के लिए जागरूक करती रही हैं । वह बताती हैं कि कोरोना की दूसरी लहर थम जाने के बाद जब जिले में पुनः कोरोना संक्रमण के नये मामले तेजी से बढ़ रहे थे। उस दौरान स्वास्थ्य विभाग की चेतावनी के बाद भी लोगों में लापरवाही देखी जा रही थी। ऐसे में तीसरी लहर आने के बाद भी लोग कोविड-19 के नियमों का पालन नहीं कर रहे थे। दूसरी तरफ लोगों को यह बात पता था कि संक्रमण से बचाव के लिए कोविड टीकाकारण ही एक मजबूत हथियार है। इन सब के बावजूद भी समाज ऐसे कई लोग थे जो यह मानने को तैयार नहीं थे कि कोविड-19 टीकाकरण से ही हम कोरोना की लहर को दूर या रोक पाने में सफल हो पायेंगे। सहरसा के पटेल नगर वार्ड नंबर-31 की रहने वाली समाजसेवी जूही भारती ये बातें अपने वार्ड के लोगों को कोविड टीकाकारण के प्रति जागरूक करते हुए अक्सर कहती रहती हैं।

समाजसेवी के रूप में जूही ने निभाई अहम भूमिका, लोगों को संक्रमण से बचाव के लिए किया जागरूक –

जूही भारती कोरोनाकाल के दौरान अपने कार्यों के बारे में बताते हुए कहती हैं कि वे अपने क्षेत्र के लोगों को कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए लगातार जागरूक करती रही हैं। कोरोनाकाल में लोगों को मास्क के उपयोग, सामाजिक दूरी के पालन के साथ-साथ कोविड-19 के अन्य पहलुओं जैसे साफ – सफाई का ध्यान रखना, हैंड वाश एवम् सैनिटाइजर का उपयोग करना इत्यादि की जानकारी लोगों को फोन के माध्यम से एवम् आस – पास के घरों में जाकर बताती थी। जब टीकाकरण का दौर शुरू हुआ तो टीके की संपूर्ण जानकारी भी अपने क्षेत्र के लोगों तक पहुंचने का कार्य निडर होकर करती रही हैं। जूही बताती हैं कि लोगों को जागरूक करने में उनके जैसे समाजसेवियों के साथ साथ बुद्धिजीवियों, धार्मिक गुरुओं एवम् युवाओं का भरपुर सहयोग जिले के लोगों को मिला है।

टीकाकरण को लेकर लोगों में व्याप्त अफवाहों एवम् भ्रांतियों को भी किया कम –

जूही कोरोना काल में किए गए अपने कार्य का अनुभव साझा करते हुए कहती हैं कि जैसे ही कोविड टीकाकारण की बात आयी वैसे ही इसके प्रति लोगों की बीच अफवाहों एवम् भ्रांतियों का बाजार भी गर्म हो गया था। सोशल मीडिया एवम् अन्य माध्यमों से तरह-तरह की अफवाहें एवं भ्रांतियाँ लोगों में फैलने लगी। ऐसी अफवाहों के मैसेज उनके मोबाइल पर भी आया करता था। ऐसे में जरूरी था कि सामाजिक स्तर से इन अफवाहों को दूर करने के सार्थक प्रयास किये जायें। इसके लिए जूही अपने आस-पास के लोगों को इन अफवाहों से दूर रहने, भ्रांतियों को तोड़ने के लिए घूम-घूम कर लोगों को जागरूक करता रही। जूही ने जानकारी इकट्ठा कर लोगों को वैज्ञानिक तथ्यों से अवगत कराकर भ्रांतियों को दूर करने का कार्य करती रही। जूही कहती हैं कि उसके के इस काम में उसके मुहल्ले के आस-पास के बुद्धिजीवियों, धार्मिक गुरुओं, पढ़े-लिखे युवाओं का भी भरपुर सहयोग मिला। इसी सहयोग के कारण अंततः आज लोगों के मन में कोविड- 19 टीकाकरण के प्रति फैली अफवाहें एवं भ्रातियाँ टूट गई और कोविड टीका ही कोरोना से बचाव का एकमात्र हथियार बनकर सामने आया। लोग अब अपने आप कोविड- 19 का टीका लेने टीका केन्द्रों पर जा रहे हैं।

15 वर्ष से अधिक उम्र के सभी लोगों को कोविड टीका लगाना जरूरी-

समाजसेवी जूही भारती कहती हैं कि हमारी आबादी के आधे से अधिक लोग 15 वर्ष से अधिक उम्र के हैं। ऐसे में 15 प्लस लोगों का सम्पूर्ण टीकाकरण हो जाने से हम कोरोना की लहर को रोक पाने में काफी हद तक सफल रह पायेंगे। जिले में सरकार द्वारा कोविड टीकाकरण युद्ध स्तर पर जारी है। स्वास्थ्य विभाग पूरी तत्परता के साथ कोविड टीकाकरण में लगा है। प्रशासनिक स्तर से भी स्वास्थ्य विभाग को पूरा सहयोग मिल रहा है। ऐसे में लोगों को चाहिए कि वे अपने आपको, अपने परिवार को एवं समाज को कोरोना से बचाने के लिए कोविड- 19 का टीका अवश्य लगवायें। वे कहती है कि यदि 15 वर्ष से अधिक उम्र के सभी लोग कोविड का टीका लगवा लेते हैं तो शेष बचे लोगों को भी कोरोना का अधिक जोखिम नहीं रह पायेगा। ऐसे में 15 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों की यह जिम्मेदारी बनती है कि उनसे कम उम्र के लोगों को बचाने के लिए अपना टीकाकरण अवश्य करवायें।