चंडीगढ़/ नगर निगम चुनाव में जीते हुए स्वतंत्र उम्मीदवार छू सकते हैं दहाई का आंकड़ा : सर्वे
भाजपा व काँग्रेस द्वारा पूर्वांचल व अन्य बाहरी नेताओं व कार्यकर्ताओं को दरकिनार करना हो सकता है मुख्य कारण
चंडीगढ़ : आगामी 24 दिसंबर को होनेवाले नगर निगम चुनाव में सभी दलों के साथ साथ स्वतंत्र उम्मीदवार भी कमर कस चुके हैं । जहाँ भाजपा अपने कार्यकाल के दौरान किए गए विकास कार्यों को गिना रही है वहीं काँग्रेस व अन्य पार्टियां भाजपा की अनुपलब्धियाँ गिनाने के साथ साथ अन्य कई वायदे कर रही है । वायदे करने में सबसे आगे आम आदमी पार्टी है जो बिजली, पानी, स्वास्थ्य आदि कई चीजें मुफ्त देने के वायदे कर रही है । चुनाव जीतने के बाद कि परिस्थिति क्या बनती है यह तो समय ही बताएगा ।
भाजपा एवं काँग्रेस द्वारा कई पुराने नेताओं व पदाधिकारियों ( पूर्वांचलियों एवं अन्य बाहरी ) को दरकिनार करते हुए पार्षद उम्मीदवार न बनाना उनके लिए टेढ़ी खीर साबित हो रहा है । दरकिनार किए गए कई नेता या तो स्वतंत्र रूप से पार्षद का चुनाव लड़ रहे हैं या फिर बागी होकर चुनाव लड़ रहे उम्मीदवारों के समर्थन में खड़े हैं । कुछ नेता व पदाधिकारी ऐसे भी है जो पार्टी में रहते हुए भी आंतरिक रूप से अपने क्षेत्र के स्वतंत्र उम्मीदवार का समर्थन कर रहे हैं । यही कारण है कि इस चुनाव में स्वतंत्र उम्मीदवारों की जीत का आंकड़ा दहाई तक पहुंच सकता है ।
कुछ स्वतंत्र उम्मीदवार ऐसे भी हैं जो अपनी व्यक्तिगत छवि पर चुनाव लड़ रहे हैं । उन्हें अपने द्वारा किए गए जनता के कार्यों पर भरोसा है । ऐसे उम्मीदवार भी राष्ट्रीय दलों के लिए चिंता का विषय बने हुए हैं ।
कुल मिलाकर देखा जाए तो चंडीगढ़ की जनता बड़े असमंजस की स्थिति में पड़ी हुई है । लेकिन यहाँ के मतदाता काफी समझदार व जागरूक हैं । वे अपने मतों का इस्तेमाल बहुत सोच समझकर करेंगे ।