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चंडीगढ़/ एसोचैम ने पंजाब के मुख्यमंत्री से बिजली संकट के समाधान के लिए किया आग्रह

: न्यूज़ डेस्क :

 

उद्योग को लंबे समय तक बिजली कटौती का लक्ष्य नहीं बनाना चाहिए : एसोचैम

 

चंडीगढ़ : गंभीर बिजली कटौती से जूझ रहे पंजाब में बिजली आपूर्ति में तेजी लाने के लिए तत्काल उपाय करने की मांग करते हुए, एसोचैम ने आज मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह से संकट से निपटने के लिए समाधान खोजने का आग्रह किया है।

एसोचैम पंजाब डवलपमैंट कॉऊंसिल के चेयरमैन श्री कुलविन सीहरा ने कहा कि ‘’कितने नए विकास, कनेक्टेड लोड को मंजूरी दी गई है और ट्रांसफार्मर वितरित किए गए हैं, आदि के बारे में सरकार के पास सभी डेटा हैं। इसी तरह, उनके पास बिजली उत्पादन और वितरण में पर्याप्त क्षमता होनी चाहिए।

पंजाब सरकार को केंद्र सरकार से आने वाली लाइनों की क्षमता को अपग्रेड करना चाहिए। बिजली कटौती से पहले सरकार को पूर्व नोटिस देना चाहिए।

यहां यह उल्लेख करना उचित है कि लंबे समय से बंद होने के कारण औद्योगिक प्रतिष्ठानों को बिजली की आपूर्ति प्रतिबंधित कर दी गई है। समस्या लगभग दो महीने के लंबे लॉकडाउन के बाद से है जो उद्योग कुछ समय पूर्व ही शुरू हुए है उन्हें बिजली की कमी के साथ समस्याओं का सामना करना पड़ेगा।

श्री सीहरा ने कहा, उद्योग को कमी को पूरा करने के लिए एक आसान लक्ष्य नहीं बनना चाहिए। अगर कोई आउटेज होना ही है, तो इसे सभी क्षेत्रों में समान रूप से साझा किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा, हम राज्य सरकार से उद्योग पर और बोझ नहीं डालने का आग्रह करते हैं।

एसोचैम का मानना है कि पंजाब में बिजली उत्पादन इकाइयों के साथ-साथ डिस्कॉम को उत्पादन और वितरण में तेजी लानी चाहिए और सभी तकनीकी गड़बडिय़ों को तुरंत दूर करना चाहिए। जरूरत पडऩे पर केंद्र से मदद मांगी जाए ताकि स्थिति सामान्य हो सके। राज्य लंबे समय तक बिजली कटौती बर्दाश्त नहीं कर सकता, भले ही प्रतिस्पर्धी मांगों पर और दबाव पड़े।

एसोचैम के सैक्रेटरी जनरल श्री दीपक सूद ने कहा कि शॉर्ट टर्म रिस्लयूशन के अलावा, बिजली सुधारों को बिना समय गंवाए लागू किया जाना चाहिए। डिस्कॉमस को निजी क्षेत्र की भागीदारी के साथ आधुनिक बनाया जाना चाहिए, जबकि बिजली पैदा करने वाली कंपनियों के साथ सभी वाणिज्यिक मुद्दों को सौहार्दपूर्ण ढंग से हल किया जा सकता है।

उन्होंने कहा कि इसके अलावा, 3 लाख करोड़ रुपये से अधिक के परिव्यय के साथ सुधारों के केंद्रीय कार्यक्रम को पंजाब सहित सभी राज्यों द्वारा दोहन करने की आवश्यकता है। देश लंबे समय तक संकट के दिनों में लौटने का जोखिम नहीं उठा सकता। हाल की इसका बहुत बड़ा उदाहरण है।