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पंचुकला/ ऑड-इवन होने के कारण यहां का व्यापार प्रभावित हो रहा है – बजरंग गर्ग

✍️ मनोज शर्मा, चंडीगढ़

 

पंचकुला : हरियाणा प्रदेश व्यापार मंडल के प्रांतीय अध्यक्ष व अखिल भारतीय व्यापार मंडल के राष्ट्रीय मुख्य महासचिव बजरंग गर्ग ने प्रदेश के व्यापारियों से वीडि़यों कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बातचीत करने के उपरांत कहा कि सरकार ने पंचकुला व पूरे हरियाणा में ऑड-ईवन के हिसाब से दुकानें खोलने का समय शाम 6 बजे तक रखा है जबकि बड़ी-बड़ी कंपनियों के मॉल के साथ होटल व रेस्टोरेंट, बार रात्रि 8 बजे तक खोलने का आदेश जारी किया है। भारत एक देश है मगर सरकार की ऐसी नीति क्यों। जबकि सरकार को छोटे व मध्यम दुकानदारों को अपने परिवार का पालन पोषण करने के लिए ज्यादा छूट देनी चाहिए। प्रांतीय अध्यक्ष बजरंग गर्ग ने कहा कि सरकार को बड़ी-बड़ी कंपनी को लाभ पहुंचाने के बजाएं नियम सब व्यापारी के लिए एक जैसा करना चाहिए।
हरियाणा सरकार को मोहाली व चंडीगढ़ की तरह ऑड-ईवान की बजाएं सभी दुकानें खोलने की आदेश देने चाहिए। जबकि कोरोंना महामारी व सरकार की गलत नीतियों के कारण पहले ही छोटा व मध्यम व्यापारी बर्बादी की कगार पर है। क्योंकि प्रदेश में लगभग 70 प्रतिशत व्यापार ठप्प हो गए हैं सरकार को छोटे व मध्यम व्यापारियों को ज्यादा से ज्यादा रियायते देकर प्रदेश में व्यापार को बढ़ावा देना चाहिए।

व्यापारियों के दो महीनों के बिजली, पानी व एक साल का हाउस टैक्स माफ किया जाए 

प्रांतीय अध्यक्ष बजरंग गर्ग ने कहा कि पिछले लॉकडाउन में व्यापारियों के बंद दुकानों के बिजली, पानी बिल, हाउस टैक्स, बैंक की किस्तें, कर्मचारियों की तनखा आदि दिया मगर आज व्यापारी ऐसी स्थिति में नहीं कि वह दुकानों के बिजली, पानी के बिल व हाउस टैक्स आदि भर सकें। कोरोना के कारण व्यापारियों को जो नुकसान हुआ है उसकी भरपाई के लिए सरकार को व्यापारियों को राहत पैकेज देना चाहिए। जिसमें कम से कम 2 महीने का बिजली, पानी का बिल माफ करने के साथ-साथ एक साल का हाउस टैक्स माफ करना चाहिए और बैंकों की किस्ते भरने की 3 महीने की छूट देनी चाहिए। प्रांतीय अध्यक्ष बजरंग गर्ग ने कहा कि काफी व्यापारियों की कोरोना के कारण मौत हो चुकी है कोरोना महामारी आर्थिक मंदी के बावजूद भी व्यापारियों ने आम जनता की रात-दिन सेवा की।

सरकार को कोरोना के कारण मरने वाले व्यापारी के परिवार को 10 लाख रूपये मुआवजा राशी व राहत पैकज देना चाहिए 

कोरोना में जिस भी व्यापारी की मौत हुई है उस व्यापारी के परिवार को सरकार द्वारा कम से कम 10 लाख रूपये का मुआवजा के साथ-साथ आर्थिक पैकेज दिया जाए। जबकि केंद्र सरकार द्वारा जीएसटी के तहत अनाप-शनाप टैक्सों का बोझ डालने व देश में नोट बंदी के कारण व्यापार देश व प्रदेश में पहले ही ठप्प हो गए हैे और उसके बाद कोरोना महामारी ने व्यापारियों की कमर तोडने का काम किया है। सरकार को छोटे, मध्यम व छोटे, लघु उद्योग की तरफ विशेष ध्यान रखते हुए उन्हें ज्यादा से ज्यादा सुविधा देने का काम करना चाहिए।