मोहाली/ विश्व ब्रेन ट्यूमर दिवस पर डॉ अनुपम जिंदल ने कहा कि सिरदर्द होता है घातक
मोहाली : ब्रेन ट्यूमर के प्रमुख लक्षणों में लगातार सिरदर्द, सुबह के समय मतली और उल्टी, दौरे, थकान, उनींदापन, स्मृति कमजोर होना, चलने में कठिनाई और बोलने में कई तरह की मुश्किल आदि शामिल हैं। विश्व ब्रेन ट्यूमर दिवस के अवसर पर, डॉ अनुपम जिंदल, एडीशनल डायरेक्टर, न्यूरोसर्जरी, फोर्टिस हॉस्पिटल, मोहाली ने इन लक्षणों का अनुभव होने पर तत्काल मेडिकल उपचार और मदद लेने की सलाह दी है क्योंकि जितना जल्दी इसका डायग्नोस होगा, उतना जल्दी ही इसके सफल उपचार की संभावना बढ़ जाती है।
इंटरनेशनल एसोसिएशन ऑफ कैंसर रजिस्ट्रीज (आईएआरसी) द्वारा जारी एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत में हर साल ब्रेन ट्यूमर के 28,000 से अधिक मामले सामने आते हैं।
इस रोग के बारे में जानकारी देते हुए, डॉ.अनुपम जिंदल, एडीशनल डायरेक्टर, न्यूरोसर्जरी, फोर्टिस हॉस्पिटल, मोहाली ने कहा कि ‘‘ब्रेन ट्यूमर मस्तिष्क में एक गांठ है जो कोशिकाओं के अनियंत्रित विकास के कारण होती है, जो मस्तिष्क के कार्य को बाधित करती है। ये मुख्य रूप से दो प्रकार के होते हैं – घातक और सौम्य (मालीगेनेअ और बेन्गिन)।’’
डॉ.जिंदल ने आगे कहा कि ‘‘उनकी गंभीरता के आधार पर, ब्रेन ट्यूमर को ग्रेड 1, ग्रेड 2, ग्रेड 3 और ग्रेड 4 के तहत वर्गीकृत किया जाता है और ग्रेड 4 सबसे हानिकारक होता है। यदि इनका निदान और शीघ्र उपचार न किया जाए तो ये ट्यूमर घातक हो सकते हैं।’’
यह बताते हुए कि बीमारी के सटीक कारण को निर्धारित करने के लिए व्यापक शोध किया गया है, डॉ.जिंदल ने कहा कि ‘‘प्राथमिक कारकों में आयु, लिंग, वंशानुगत या अनुवांशिक, रेडिएशन थैरेपी, सीटी स्कैन, रसायनों और एलर्जी के संपर्क, मोटापा, सिर में चोट या आघात आदि शामिल हैं।’’
कई उपचार विकल्पों के बारे में जानकारी देते हुए, डॉ.जिंदल ने कहा कि ‘‘न्यूरोनेविगेशन, फोर्टिस अस्पताल, मोहाली में उपयोग की जाने वाली नवीनतम कंप्यूटर-समर्थित तकनीक है। मरीजों का इलाज एक एडवांस्ड न्यूरो ऑपरेटिंग 3 डी माइक्रोस्कोप के साथ किया जाता है।’’
पिछले साल फोर्टिस हॉस्पिटल में लगभग 131 न्यूरोसर्जरी करने वाले डॉ.जिंदल ने कहा कि ‘‘कंप्यूटर की सहायता से न्यूरोनेविगेशन सर्जन को विशेष कंप्यूटर की मदद से स्कल (खोपड़ी) के अंदर नेविगेट करने की सुविधा देता है जो मस्तिष्क में प्रभावित क्षेत्र के स्कैन को संसाधित करता है और उन्हें तीन-आयामी तस्वीरों में परिवर्तित करता है। इसमें एक इन्फ्राारेड डुअल कैमरा सिस्टम भी शामिल है जो सर्जरी के दौरान सर्जन के उपकरणों को ट्रैक करता है और उनकी स्थिति प्रदर्शित करता है। एक ट्यूमर के मामले में, हम उसकी ग्रोथ के सटीक स्थान की पहचान करने में सक्षम होते हैं और इसे सटीक रूप से निकाल देते हैं, जिससे सामान्य नर्वस यानि तंत्रिकाओं और आस-पास के टिश्यूज यानि ऊतकों को नुकसान कम होता है।’’
सर्जरी, रेडिएशन और कीमोथेरेपी जैसे अन्य उपचारों पर चर्चा करते हुए, डॉ. जिंदल ने कहा कि ‘‘उपचार ट्यूमर के आकार और प्रकार, इसकी वृद्धि दर, मस्तिष्क स्थान, किसी विशेष उपचार के जोखिम, रोगी और सामान्य स्वास्थ्य को प्रभावित करने वाली अन्य चिकित्सा समस्याओं पर निर्भर करता है। हम इन सभी पहलुओं पर ध्यान रखते हुए सटीक और प्रभावी इलाज प्रदान करते हैंं।’’