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चंडीगढ़/ प्रशासन द्वारा पिता विहीन बेटियों को मुफ़्त शिक्षा उपलब्ध करवाना चाहिए : आप

: न्यूज़ डेस्क :

बेटी पढ़ाओ बेटी बचाओ पर बेटी को पढ़ने के लिए दर दर की ठोकरें मत खिलाओ : प्रेम गर्ग

 

चंडीगढ़ : शहर में 32 साल की रुकसाना जिसकी शादी साल 2006 में हुई। लेकिन शादी के 4 साल बाद 2010 में सड़क दुर्घटना में उसके पति की जान चली गयी। रुकसाना के पास एक बेटी हैं । पति के चले जाने के बाद वो ओर उसकी बेटी अपने भाई और माँ पर आश्रित हो गये। रुकसाना की बेटी चंडीगड़ सेक्टर 36 के गुरु नानक पब्लिक स्कूल में राइट टू एजुकेशन एक्ट के तहत स्कूल में शिक्षा ग्रहण कर रही थी जो कि आंठवी कक्षा तक ही निशुल्क थी। लेकिन अब जब रुकसाना की बेटी आठवी कक्षा से अछे नंबर 79% से उतीर्ण होकर नोवी कक्षा में गयी तो गुरुनानक पब्लिक स्कूल की ओर से कहा गया कि रुकसाना की बेटी को स्कूल फीस देनी होगी। जो कि एक महीने की फीस 4720 रुपए हैं। स्कूल की तरफ से 3 महीने की फीस ली जानी हैं जो कि इस हिसाब से रुकसाना को 15000 रुपए जमा करवाने हैं। लेकिन कमाई का कोई साधन न होने की वजह से वो स्कूल फीस देने में असमर्थ हैं। इससे पहले रुकसाना ठेकेदार के द्वारा काम करती थी लेकिन अब वँहा भी जरूरत न होने के चलते उसे हटा दिया गया हैं। इस मामले को संज्ञान में लेते हुए आप संजोजक प्रेम गर्ग ने रुकसाना ओर उसकी बेटी के लिए मदद का हाथ आगे बढ़ाया। प्रेम गर्ग ने रुकसाना से कहा कि स्कूल से कहे कि वो आधी फीस माफ कर दे आधी फीस मैं जमा करवा दीया करूँगा। लेकिन रुकसाना के बार बार स्कूल में बात करने से स्कूल की ओर से कोई मदद नही की जा रही । आधी फ़ीस भी माफ़ नहीं की जाँ रही। और रुकसाना को बोला जा रहा है कि ट्रान्स्फ़र सर्टिफ़िकेट ले जाओ। अगर रुकसाना को उस स्कूल में अपनी बेटी को पढ़ाना हैं तो उसे फीस तो जमा करानी ही होगी। स्कूल से मना करने के बाद रुकसाना ने चंडीगढ़ के सेक्टर 23 के सरकारी स्कूल में एडमिशन के लिये बात की लेकिन स्कूल की तरफ से भी उसे सीट न होने के हवाले के चलते मना कर दिया गया। जिसके बाद अब मामले को देखते हुए आप संजोजक प्रेम गर्ग ने चंडीगढ़ प्रशासन को फटकार लगाते हुए कहा कि चंडीगढ़ प्रशासन चंडीगढ़ में फिजूल खर्च के काम करवा रहा हैं लेकिन एक बेटी को शिक्षा देने में नाकामयाब साबित हो रहा हैं। ये कैसी व्यवस्था है जिसमें एक पिता विहीन बेटी को अपनी पढ़ाई के लिये भीख मांगनी पड़ रही है। प्रेम गर्ग ने प्रशासन से मांग की हैं कि वो सभी बेटियों जिनके पिता मर चुके हैं, को मुफ़्त शिक्षा दिलवाने में हर सम्भवत प्रयास करे।