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नई दिल्ली/ मैथिली साहित्य महासभा द्वारा “मैथिली कथा गोष्ठी” का किया गया सफल आयोजन

नई दिल्ली : मैथिली साहित्य महासभा द्वारा विगत रविवार संध्याकाल नई दिल्ली स्थित संस्कार भारती सभागार में मैथिली कथा गोष्ठी का आयोजन संपन्न हुआ, जो मूलतः कथा पाठ का आयोजन था और इसमें नव कथाकारों की अधिकांश सहभागिता रही, जो मैसाम द्वारा पहले से ही सुनिश्चित किया गया था। दूसरी बार आयोजित कथा गोष्ठी में कुल उन्नीस कथाकारों ने कथा पाठ किया।

इस गोष्ठी की अध्यक्षता डॉ. प्रमोद कुमार ने की, मुख्य अतिथि डॉ. आभा झा, विशिष्ट अतिथि के रूप में वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. नारायण और मैसाम अध्यक्ष राहुल झा मंच पर उपस्थित रहे।

इस कथा गोष्ठी का कुशल संचालन युवा कवि आनन्द दास ने किया। इस मैथिली कथा गोष्ठी में प्रमोद झा गोकुल ‘इज्जैत’, चित्रलेखा अंशु ‘एकटा छल ताई’, मुकेश दत्त ‘दिल्लीक बोली’, भावना मिश्रा ‘कनिया’, शिव कुमार सिंह ‘स्वाभिमान’, रेणु दास ‘पोस पुत्र’, सुधा ठाकुर ‘प्रेम’, मनीष झा बौआभाई ‘साझी धुआँ’, जयंती कुमारी ‘जाँच’, कुंदन कर्ण ‘इंट्रोडक्शन’ आ ‘रीढ़’, निवेदिता झा ‘दूभि’, हेमंत झा ‘आत्मविश्वास’, मुन्नी कामत ‘ श्री श्रृंगारिक आलमारी’, मनोज कर्ण मुन्नाजी ‘आनंद’,सांत्वना मिश्र ‘एकटा एहनो संतान’, अरुण कुमार मिश्र ‘मुरही कचरी’, अर्चना झा हिना ‘डिग्री के सार्थकता’, विनय ठाकुर ‘परिवर्तन’, प्रेम चौधरी ‘पागक प्रबोध’ शीर्षक से कथा, लघु कथा, बिहनि कथा आदि का पाठ किए ।

कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए साहित्यकार डॉ. प्रमोद कुमार ने कहा मैथिली साहित्य महासभा द्वारा आयोजित इस कथा-गोष्ठी से हम अभिभूत हैं। अत्यंत अनुशासित व व्यवस्थित गोष्ठी संपन्न हुआ। कथाकारों की कथा सुंदर व विचारशील थी। मैसाम, मैथिली के लिए समर्पित संस्था है, इसी लिए मैसाम अध्यक्ष श्री राहुल झा जी से निवेदन करता हूँ की आने वाले दिनों में मैथिली की लेखनी हेतु एक कार्यशाला का आयोजन करें, मैथिली लिखने वालों के लिए यह उपयोगी रहेगी।

विशिष्ट अतिथि वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. नारायण जी ने कहा की आज हम गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं, एक समय ऐसा था जब कथा पाठ का कहीं कोई जिक्र नहीं होता था, फिर शुरू हुआ ‘सगर राति दीप जरय’ और आज अब मैसाम द्वारा आयोजित ये कथा गोष्ठी। अत्यंत प्रसनता होती है मैथिली साहित्य को आगे बढ़ते हुए देखना।

मुख्य अतिथि सुपरिचित साहित्यकार डॉ. आभा झा ने अपने वक्तव्यमे मैसाम द्वारा दूसरी कथा-गोष्ठी का आयोजन होना मैथिलि साहित्य के लिए महत्वपूर्ण है। मैसाम की नियमित गतिविधि में एक और नव कार्यक्रम की बढोतरी, निश्चित तौर पर मैथिली साहित्य को प्रगतिशील बनाएगा।

मैसामक अध्यक्ष राहुल झा ने अपने उद्बोधन में सभागार में उपस्थित सभी वरिष्ठ साहित्यकार, विद्वतजन व प्रबुद्ध श्रोता लोगों की सहभागिता के लिए आभार प्रकट किया, साथ ही कहा की अगले वर्ष फरवरी में होनेवाले कार्यक्रम में वरिष्ठ साहित्यकार हेतु नव पुरस्कार “लाइफ टाइम एचीवमेंट” प्रदान किया जायेगा।

अध्यक्ष द्वारा नव सदस्या प्रेम चौधरी को मैसाम में स्वागत किया गया। इस कथा गोष्ठी में स्त्रीमन, दिव्यांग संग अपेक्षित मानवीय व्यवहार, गाँव – शहर पर केन्द्रित, आत्मविश्वास व मातृभाषा के प्रतिष्ठित करने वाला कथाओं का पाठ किया गया। गोष्ठी में स्त्री-पुरुष कथाकारों की सहभागिता उल्लेखनीय रही।

दर्शक के रूप में विजय चन्द्र झा, मणिकांत झा, पण्डित कौशल झा, पत्रकार सुधीर कर्ण सहित दर्जनों लोगों की गरिमामयी उपस्थिति रही।

समस्त कथाकार, मंच पर उपस्थित आदरणीय अतिथि, समस्त कार्यकारिणी और सभागार में उपस्थित सभी वरिष्ठ साहित्यकार, विद्वतजन व प्रबुद्ध श्रोता लोगों की सहभागिता के लिए सीए सरोज के द्वारा धन्यवाद ज्ञापन किया गया।