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हरियाणा में जीत की हैट्रिक : मोदी फिर सबित हुए ‘मनहर’

✍️ वरिष्ठ पत्रकार जितेन्द्र बच्चन

हरियाणा में भाजपा ने हैट्रिक लगाकर इतिहास रच दिया। ‘मन की बात’ करने वाले मोदी जी ‘मनहर’ साबित हुए। उनका यह सुनहरा दौर माना जाएगा और सीधे शब्दों में कहें तो कांग्रेस और बाकी की सभी पार्टियां भाजपा से गच्चा खा गई हैं। अब तो उन लोगों को भी यह बात मान लेनी चाहिए जो कल तक मोदी को महज जुमलेबाज कहते रहे हैं। मदद-इमदाद के नाम पर जरूरतमंदों को जो कुछ भी सरकार मुहैया करा रही है, उसका असर पूरी तरह पड़ता है। लोगों को भ्रष्टाचार, जमाखोरी और मिलावट के बीच मोदी एक उम्मीद की किरण नजर आते हैं। उनको प्रतीत होता है कि आज नहीं तो कल शिक्षा और स्वस्थ्य में भी जरूर सुधार आएगा। जाति, धर्म और मजहब के नाम पर बांटने-काटने की सियासत से दूर रहना होगा। यह सब किसी भी तरह से आम लोगों की सेहत के लिए ठीक नहीं है और यही कारण है कि हरियाणा की जनता ने भाजपा को एक बार फिर सत्ता सौंप दी है। इसके दो मायने निकलते हैं। पहला- नायब सिंह सैनी भाजपा के लिए ‘नायाब’ साबित हुए हैं और दूसरा भारत में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का कोई विकल्प नहीं है।

दरअसल, हरियाणा में 10 साल के भाजपा शासन में अन्याय, अत्याचार पर थोड़ा-बहुत अंकुश लगा है। आम जनता में विश्वास की भावना मजबूत हुई है। किसानों और मेहनतकश लोग जानते हैं कि डबल इंजन की सरकार ही उनके लिए फायदेमंद है। आज नहीं तो कल अच्छे दिन आएंगे। बच्चों और महिलाओं का जोखिम कम हुआ है। घर-घूंघट से बाहर निकलकर बहन-बेटियां आसमान छूने का सपना देखने लगी हैं। मध्यम वर्ग महंगाई की मार से जरूर पिस रहा है लेकिन उनके लिए भी सरकार अब 65 रुपये किलो टमाटर बेच रही है और बता रही है कि वह महंगाई (बाजार में 100 रुपये से भी अधिक) पर कंट्रोल कर रही है। कुपोषण हो या प्रदूषण, कम करने की कोशिश जारी है।

जो दिखता है वह बिकता है! मोदी जी जो बोलते हैं, उससे कई बार लोग सोचते हैं कि कहीं यह वोट बैंक के लिए भ्रमित तो नहीं किया जा रहा है। सिर्फ और सिर्फ वोट बैंक का हिस्सा तो नहीं है! आजकल गरीबी दूर करने पर सरकार लगातार जोर दे रही है। अभी ज्यादा दिन नहीं हुए, पहले थाली से दाल गायब हुई और अब सब्जी नहीं मिल रही है। कल तक जो गरीब प्याज-रोटी और हरी मिर्च-नमक खा लेता था, वही प्याज आज उसे एक बार फिर से रुलाने लगा है। लेकिन मोदी सरकार के वित्त मंत्री आंकड़े पेश कर कहते हैं कि गरीबी दूर हो रही है। गरीबों की हालत में सुधार आने लगा है। मेहनत-मजदूरी करने वालों की आय का जरिया बढ़ गया है। जीडीपी ग्रोथ पर है।

भारत के अधिकतर लोग जीडीपी का अर्थ भले ही पूरी तरह न समझते हों, लेकिन उनको इतना पता है कि मोदी जी के नेतृत्व में देश आर्थिक विकास कर रहा है। किसानों, दिव्यांगों, महिलाओं और वृद्धों के खाते में मामूली ही सही, सरकार धनराशि डाल रही है। गरीबी रेखा से नीचे गुजारा कर रही महिलाओं को साल में दो बार मुफ्त में रसोई गैस सिलेंडर मिल रहा है। कई करोड़ लोगों को राशन की दूकान से पांच किलो मोटा अनाज प्राप्त हो रहा है। यही कारण है कि विपक्ष के लाख समझाने के बावजूद जनता भाजपा से मुंह नहीं मोड़ पा रही है। महंगाई में भी उसे कल कोई चम्त्कार होने की उम्मीद है। दस साल के शासन में पूरी तरह लोग महसूर कर चुके हैं कि मोदी का कोई दूसरा विकल्प नहीं है, इसलिए अपना फैसला सुना दिया है। अब विपक्ष इसे स्वीकार करे या ‘हार’ पर रार करने का बहाना ढूंढें, हमारा काम था सच का आईना दिखाना।