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चंडीगढ़/ निवेदिता ट्रस्ट और पीयू ने महारानी अहिल्याबाई होल्कर की 300वीं जयंती के उपलक्ष्य में विशेष कार्यक्रम का किया आयोजन

चंडीगढ़ : निवेदिता ट्रस्ट ने पंजाब यूनिवर्सिटी के सहयोग से प्रतिष्ठित समाज सुधारक और दूरदर्शी शासक महारानी अहिल्याबाई होल्कर की 300वीं जयंती मनाने के लिए एक भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में प्रसिद्ध बॉलीवुड और शास्त्रीय गायिका डॉ. जसपिंदर नरूला शामिल हुई । प्रख्यात विचारक और सामाजिक परिवर्तक प्रदीप जोशी ने कार्यक्रम में मुख्य भाषण दिया। कार्यक्रम की अध्यक्षता कुलपति, पंजाब यूनिवर्सिटी डॉ. रेनू विग ने की। यह कार्यक्रम पंजाब यूनिवर्सिटी में हुआ।

कार्यक्रम में ट्राइसिटी क्षेत्र की प्रतिष्ठित महिला पेशेवरों के साथ साथ कई प्रतिष्ठित हस्तियों ने भाग लिया। कार्यक्रम के दौरान महारानी अहिल्याबाई होल्कर के जीवन और योगदान, विशेषकर सामाजिक सुधारों और वास्तुशिल्प कार्यों में उनके नेतृत्व पर एक विशेष वृत्तचित्र दिखाया गया।

इस अवसर पर प्रतिष्ठित महारानी अहिल्या बाई होल्कर पुरस्कार 2024 उल्लेखनीय महिलाओं को उनकी उपलब्धियों के लिए प्रदान किया गया, जिनमें प्रतिष्ठित पंजाबी लोक गायिका डॉ सुनैनी शर्मा, प्रख्यात शिक्षाविद डॉ अनीता कौशल और डॉ सपना नंदा, सेवानिवृत्त ब्यूरोक्रेट् और कवयित्री उषा शर्मा, पूर्व वी सी डाक्टर विनय कपूर मेहरा, गुनीत स्वानी , डाक्टर लतिका शर्मा व डाक्टर नंदिता सिंह आदि शामिल हैं ।

इस अवसर पर बोलते हुए प्रदीप जोशी ने महारानी अहिल्याबाई होल्कर के जीवन की विभिन्न प्रेरक कहानियों को साँझा किया। उन्होंने महारानी अहिल्याबाई होल्कर के व्यक्तित्व और दर्शन के बारे में भी दर्शकों को विस्तार से बताया। उन्होंने प्राचीन काल से भारतीय संस्कृति में महिलाओं की स्थिति का विशेष रूप से उल्लेख किया। पुरस्कार प्राप्तकर्ताओं की उपलब्धियों की प्रशंसा करते हुए प्रदीप जोशी ने पेशेवर महिलाओं को अधिक से अधिक सामाजिक भूमिका के लिए आगे आने को कहा। अहिल्याबाई के विशाल व्यक्तित्व के बारे में दर्शकों को अवगत कराते हुए मुख्य वक्ता ने वर्तमान समय में भारतीय सांस्कृतिक मूल्यों के संरक्षण पर जोर दिया।

मुख्य अतिथि प्रसिद्ध बॉलीवुड और शास्त्रीय गायिका डॉ. जसपिंदर नरूला ने महारानी अहिल्याबाई होल्कर के व्यक्तित्व और योगदान की प्रशंसा करते हुए पुरस्कार प्राप्तकर्ताओं को बधाई भी दी।

कार्यक्रम के बाद डॉ. जसपिंदर नरूला, कुलपति डॉ. रेणु विग और डॉ. सपना नंदा ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए शास्त्रीय संगीत खासकर गुरमत संगीत को बढ़ावा देने के लिए क्षेत्र के उभरते गायकों और संगीत शिक्षकों को प्रशिक्षण देने के लिए एक कार्यक्रम की घोषणा की। डॉ. जसपिंदर नरूला उभरते गायकों को शास्त्रीय संगीत की बारीकियों को सिखाने के लिए उनका मार्गदर्शन करेंगी। गुरुबानी की रिकॉर्डिंग और प्रचार में उनके दिवंगत पिता केसर सिंह नरूला की भूमिका को याद करते हुए डॉ. विग ने डॉ. जसपिंदर नरूला के दृष्टिकोण और योगदान के लिए उनका आभार व्यक्त किया।

डॉ. जसपिंदर नरूला ने रागों में गुरुबानी गायन को बढ़ावा देने के नेक काम में अपना समर्थन देने का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि पेशेवर करियर की ऊंचाइयों को छूने के बाद अब मैं समाज को कुछ देना चाहती हूं। उन्होंने कहा कि मैं हमेशा वाहेगुरु से प्रार्थना करती हूं कि वे पंजाब की धरती और लोगों को अपनी कृपा से आशीर्वाद दें। उन्होंने युवा गायकों के बीच पारंपरिक गुरुबानी गायन के कायाकल्प के लिए समय और प्रयास समर्पित करने की इच्छा व्यक्त की।

यह विशेष कार्यक्रम पंजाब विश्वविद्यालय, निवेदिता ट्रस्ट और सप्तसिंधु द्वारा संयुक्त रूप से पंजाब विश्वविद्यालय में आयोजित किया गया ।