चंडीगढ़/ टैगोर थिएटर में शानिवार को सदाबहार गानों से सजी शाम
✍️ सोहन रावत, चंडीगढ़
’यादें सितारों की’ संगीतमयी कार्यक्रम में गायकों ने एक से बढ़कर एक सदाबहार गानों की प्रस्तुति देकर श्रोताओं का मन लिया मोह
’मैं तेरे इश्क में मर ना जाओ कहीं’ जैसे सुपर हिट्स गानों से गूंजमयी हुआ टैगोर थियेटर
चंडीगढ़ : द हिड्न टैलेंट वेलफेयर एंड ट्रस्ट और सुर भारती संगीत एकेडमी द्वारा यादें सितारों की संगीतमयी शाम का ट्रस्ट की फाउंडर वीना सोफ्त के नेतृत्व में सेक्टर 18 स्थित टैगोर थियेटर में आयोजित किया गया। जिसमें ट्राईसिटी सहित पंजाब, हरियाणा से आए अव्यवसायिक गायकों ने लिया हिस्सा लिया और एक से बढ़कर सदाबहार गानों को श्रोताओं को समक्ष प्रस्तुत कर सभी का मन मोह लिया। गायको ने लता मंगेशकर, किशोर कुमार, मो रफी, आशा भसोले जैसे प्रतिष्ठत गायकों द्वारा गाये गए गानों को अपनी आवाज में प्रस्तुत करने का एक बेहतर प्रयास किया। कार्यक्रम में कुल 25 गाने व एक क्वाली शामिल थी।
इस संगीतमय कार्यक्रम में ट्रस्ट की फाउंडर वीना सोफ्त, ट्रस्ट के सदस्य मोहित गुप्ता तथा अन्य गणमान्य व्यक्तियों में कुलभूषण गोयल, रंजीता मेहता, जया गोयल, सोनिया सूद, मुकेश आनंद, उमेश सूद, रंजीत सिंह, परमजीत कौर उपस्थित थे।
कार्यक्रम की शुरूआत गणमान्य व्यक्तियों द्वारा दीप प्रज्जवलित कर की गई जिसके उपरांत गायकों द्वारा सदाबहार फिल्मी गाने गाए। कार्यक्रम का आगाज करते हुए ट्रस्ट की फाउंडर वीना सोफ्त ने अपने गायन में सदाबहार गाना मैं तेरे इश्क में मर ना जाओ कहीं’ गाकर श्रोताओं का मन मोह लिया। कार्यक्रम को आगे बढाते हुए गायक मोहित गुप्ता ने दर्शकों के समक्ष क्वाली मुर्शिद खेले होली प्रस्तुत की, जिसे सभी ने खूब सराहा। अंबाला से आए जगत ने रुख से जरा नकाब उठा दो मेरे हुजूर; आर सी दास ने तू इस तरह से मेरी जिंदगी में शामिल है; राजेश कंवर ने मंजिले अपनी जगह है..रास्ते अपनी जगह; अरिशा ने ये रातें या मौसम; राजीव राज और कल्पना ने खुलम खुला प्यार करेंगे हम दोनों; गीता ठाकुर ने बुहे बारिया ते नाले कंदा टप के; कर्नल बीके शर्मा ने जाने कहां गए वो दिन; डॉ दीपक कौशिक ने जुबान पे दर्द भारी दूरी चली; कुलदीप कुमार ने दीवाना लेके आया है दिल का तराना; संगीता नागपाल और अनुराधा ने तुमको पिया दिल दिया कितने नाज़ से; नैनसी और पल्वी ने चाप तिलक सब; इंदू और इशु ने ऐ कश किसी दीवाने को; रमेश उल्फत ने तंजील; सुभाष दाहुजा ने पल-पल दिल के पास तुम रहती हो; मोंटी राजा ने दर्दे दिल दर्दे जिगर; रणजीत गिल ने दीवाना हुआ बादल; बीडी सिंगला ने हुस्न से चाँद भी शरमाया है; रंजीतपुरी ने जिंदगी के सफर में गुजर जाते हैं जो मकाम; परमजीत सैनी ने तुझे क्या बता दिल रुबा; विमल ने कौन है जो सपनों में आया; संगीता शर्मा ने मेरा साया साथ होगा, जैसे मधुर व सदाबहार गानों को गाकर श्रोताओं को दिल जीत लिया और उन्हें झूमने पर मजबूर कर दिया। इसके अलावा रंजीत सिंह और मुकेश आनंद ने भी गायक की प्रस्तुति दी। कार्यक्रम में संगीत का प्रबंधन अरुण कांत द्वारा किया गया था।
इस अवसर पर ट्रस्ट की फाउंडर वीना सोफ्त ने कार्यक्रम में आए सभी गणमान्य और श्रोतागणों का आभार जताया, और कहा कि कार्यक्रम का उदेश्य अव्यवसायिक गायकों को मंच प्रदान करना था, ताकि वे अपने अंदर के टैलेंट को उभार सके। उन्होंने बताया कि कार्यक्रम में सदाबहार गानों को गाना प्रतिष्ठत गायकों को भाव पूर्ण श्रद्धांजली देना भी था। वीना सोफ्त ने कहा कि ट्रस्ट व सुर भारती संगीत एकेडमी द्वारा करवाया गया यह आयोजन पहला है और भविष्य में इस तरह के कार्यक्रम को आयोजन करवाता रहेगा।