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चंडीगढ़/ नर्सिंग कॉलेजों में दाखिला प्रक्रिया सरल बनाने से पंजाब की छात्र प्रतिभाओं को मिलेगा बल : नर्सिंग कॉलेज संघ

विदेशों में पलायन रोक कर मुख्यमंत्री के युवा सशक्तिकरण के सपनों का मजबूती देंगें पंजाब के नर्सिंग कालेज

चंडीगढ़ : पंजाब सरकार द्वारा पंजाब में शिक्षा के बेहतरीन माहौल बनाने के कारण इस सत्र में नर्सिंग कालेज की सभी सीटें भरेगी । यह विश्वास लगभग 250 नर्सिंग काॅलेजों का प्रतिनिधित्व करने वाले संघ – नर्सिंग ट्रेंनिंग इंस्टीच्यूट ऐसोसियेशन (एनटीआईए) ने जताया है। बुद्धवार को सेक्टर 27 स्थित चंडीगढ़ प्रेस कल्ब में आयोजित एक पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुये ऐसोसियेशन के अध्यक्ष गुरदयाल सिंह बुट्टर ने कहा गत वर्षो से पंजाब ने मेडिकल और नर्सिग शिक्षा में नये आयाम स्थापित किये हैं परन्तु गत वर्ष से इंडियन नर्सिंग कौंसल (आईएनसी) द्वारा निरधारित की गई प्रवेश प्रक्रिया में प्रवेश टेस्ट की शर्त होने के कारण अन्य कई राज्यों के स्टूडेंट्स भी पंजाब मे दाखिला लेने पहुंचेंगें। इस दौरान पंजाब के स्टूडेंट्स यदि प्रवेश नहीं दे पाये तो दाखिले से वंचित रह जायेंगे। नीट परिक्षा के आधार पर अन्य राज्यों के होनहार स्टूडेंट्स पंजाब में दाखिला ले जाते हैं जबकि पंजाब के अपने स्टूडेंट्स ही दाखिले से वंचित रह जाते हैं। ऐसोसियेशन ने मांग की है कि पंजाब सरकार, हरियाणा, राजस्थान और कर्नाटका की तर्ज पर दाखिला प्रक्रिया को सरल बनाये और पंजाब में बाहरवीं की मैरिट के आधार पर नर्सिंग कोर्स में प्रवेश दें। इससे इच्छुक स्टूडेंट्स अपने पसंदीदा विषय की पढ़ाई करने से वंचित नहीं रहेंगें और उनका केरियर भी सुरक्षित रहेगा।

प्रेस वार्ता के दौरान ऐसोसियेशन के महासचिव डा साहिल मित्तल और सलाहकार तथा आर्यन्स ग्रुप ऑफ़ कॉलेजेस के चेयरमैन डा अंशु कटारिया ने कहा कि पंजाब से हर साल लगभग 25 हजार स्टूडेंट्स यह नर्सिंग कोर्स पास आउट करते हैं और कनाडा, यूरोप, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया सहित अन्य देशों में अपनी इस प्रतिभा का लोहा मनवा कर और अपनी सेवायें देकर पंजाब का नाम रोशन करते हैं। परन्तु यह प्रदेश से इन प्रतिभाओं का पलायन एक चिंता का विषय है। रोजगार की तलाश में वे विदेशों का रुख करते हैं जिससे की अपने देश और प्रदेश उनकी प्रतिभा का दोहन करने से वंचित रह जाता है। उन्होंने राज्य सरकार से अपील कि अन्य उद्योगों की तरह मेडिकल सेक्टर को भी मजबूती देकर नये आयाम स्थापित किये जाये जिससे यहां शिक्षा प्राप्त रही प्रतिभाओं को अपने ही घर में उपयोग में लाया जा सके। प्रदेश के हर जिले में कम से एक मेडिकल कॉलेज खुलने से इस प्रयास को मजबूती मिलेगी और साथ ही मुख्यमंत्री के उस अभियान को भी बल मिलेगा जिसमें वे युवाओं से आह्वान करते रहे हैं कि विदेशों की बजाय अपने घर पंजाब में ही अपने कार्यक्षेत्र में रोजगार के अवसर प्राप्त करें। एसोसिएशन के प्रतिनिधियों ने बताया कि इस दिशा में वे एक विशेष अभियान की जल्द शुरुआत करने जा रहे हैं जिससे की स्टूडेंट्स का नर्सिंग कार्यक्षेत्र में व्याप्त आपार संभावनाओं से अवगत करवाया जायेगा। उन्होंने प्रदेश सरकार से उम्मीद जताई है कि वे इस दिशा में उनको सहयोग देगी।

पत्रकार वार्ता के दौरान ऐसोसियेशन के वरिष्ठ सदस्य हनी चहल, डाॅ बीएल बंसल, जोगिन्द्र सिंह, तेजबीर सिंह वालिया, डा गगन मानसा, पुनीत बावा, हरजिंदर कौर, डॉ निपुण पासी, बरजिंदर सिंह लाली, बरजिंदर सिंगल, सिमरनजीत सिंह, स.जोगिंदर सिंह, डॉ.जस्सी आदि ने भी अपने विचार व्यक्त किए ।