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नई दिल्ली/ मोदी सरकार की प्रदर्शनकारियों से बातचीत के दरवाज़े सदा खुले : अनुराग ठाकुर

प्रदर्शन की आड़ में कुछ लोग सेंक रहे राजनैतिक रोटी : अनुराग ठाकुर

नई दिल्ली : केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण और युवा एवं खेल मामलों के मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने मंगलवार को नई दिल्ली में किसान आंदोलन को लेकर पत्रकारों से बातचीत की। अनुराग ठाकुर ने कहा कि मोदी सरकार पहले दिन से किसान कल्याण हेतु प्रतिबद्ध होकर कार्य कर रही है। पिछले 10 वर्षों में किसान कल्याण हेतु कई योजनाएं लाई गईं जिन्होंने धरातल पर देश के करोड़ों किसानों को लाभ पहुंचाया।

किसानों से वार्तालाप के मुद्दे पर अनुराग ठाकुर ने कहा, कि सरकार सदैव चर्चा हेतु तैयार रहती है। जब भी मांग उठती है तब सरकार स्वयं आगे आती है। इस बार भी हमारे मंत्री चंडीगढ़ गए और लगातार कई घंटे रात्रि में चर्चा हेतु बैठे रहे। हमने प्रदर्शनकारियों से 2 दौर की बात की। सरकार स्पष्ट तौर से चर्चा की पक्षधर है इसीलिए बातचीत से उठकर हम नहीं गए, लेकिन प्रदर्शनकारी पहले चले गए। लेकिन सरकार आगे भी चर्चा हेतु तैयार है। अनुराग ठाकुर ने आगे कहा कि प्रदर्शनकारियों को समझना चाहिए कि एकदम से नए मुद्दों को चर्चा में जोड़ते रहने से उनका तत्काल समाधान नहीं हो सकता। अगर आप भारत के WTO से अलग होने की बात करोगे, फ्री ट्रेड एग्रीमेंट खत्म करने की बात करोगे, स्मार्ट मीटर लगाने बंद कर दोगे, पराली वाले विषय पर हमें बाहर कर दोगे या जलवायु के मुद्दे से कृषि को बाहर करने की बात करोगे, दो यह एक दिन के निर्णय नहीं है। इसके लिए दूसरे स्टेकहोल्डर और राज्यों से भी बात करनी होगी। और इसलिए सरकार ने इसके ऊपर विस्तृत चर्चा करने हेतु कमेटी बनाने का प्रस्ताव भी दिया है। सरकार की ओर से ना पहले कमी थी ना अब कमी है।

अनुराग ठाकुर ने आगे कहा कि कुछ लोग इस मुद्दे पर राजनीतिक रोटियां सेकना चाहते हैं। कांग्रेस के बयान पर मुझे हंसी आती है। 2013-14 में जब उनकी सरकार थी, तब यूपीए काल का सबसे ज्यादा कृषि बजट ₹27 हजार 662 करोड रुपए था। अभी मोदी सरकार का कृषि बजट ₹1 लाख 25 हजार करोड़ से ज्यादा है। यानी यूपीए काल से 5 गुना ज्यादा कृषि बजट। उनके समय किसान सम्मान निधि नहीं थी, हमने किसान सम्मान निधि के माध्यम से 11 करोड़ से ज्यादा किसानों को 2 लाख 81 हजार करोड रुपए सीधा उनके बैंक खातों में हस्तांतरित किए हैं। उनके समय के फसल बीमा योजना के अंतर्गत किसानों को कुछ नहीं मिलता था। मोदी सरकार में डेढ़ लाख करोड़ से ज्यादा का मुआवजा किसानों को मिला है। 10 हजार एफपीओ में से 8 हजार बन चुके हैं और इसे लाखों किसान भी जुड़ चुके हैं।

अनुराग ठाकुर ने आगे एमएसपी पर बातचीत करते हुए बताया कि कांग्रेस के समय में दाल, गेहूं दलहन और तिलहन की कुल खरीददारी ₹5 लाख 50 हजार करोड रुपए की हुई। मोदी सरकार ने 18 लाख 39 हजार करोड़ रुपए की खरीददारी की। यानी लगभग साढ़े तीन गुना ज्यादा। हमने दाम भी बढ़ाए और खरीदारी भी दोगुनी से ज्यादा की।

आगे मोदी सरकार द्वारा किसान हित में किए कार्यों की जानकारी देते हुए अनुराग सिंह ठाकुर ने बताया, “सिंचाई योजनाओं के लिए मोदी सरकार ने डेढ़ गुना ज्यादा यानी लगभग ₹15 हजार 500 करोड रुपए खर्च किए। उनके समय कृषि ऋण मात्र 7 लाख करोड रुपए के आसपास था जिसे बढ़ाकर हमने 20 लाख करोड रुपए किया है। और यह मात्र पिछले वर्ष का आंकड़ा है। इनके समय एक्सपोर्ट 2 लाख 62 हजार करोड रुपए का था, हमने 4 लाख 27 हजार करोड़ का किया। इसी प्रकार आप अगर कोई भी दूसरा क्षेत्र लेंगे तो उसमें भी कांग्रेस बिल्कुल फीकी दिखाई देगी। इन्होंने किसानों की भलाई के एक भी कार्य नहीं किए। साठ साल कांग्रेस की केंद्र में सरकार रही मगर किसानों के हित के लिए इन्होंने कुछ नहीं किया। किसानों के मसीहा चौधरी चरण सिंह व स्वामीनाथन जी को भारत रत्न मोदी सरकार ने दिया। आज तक कांग्रेस की गारंटियाँ फेल ही हुई हैं, देश को भरोसा सिर्फ़ मोदी की गारंटी पर है”

उन्होंने आगे कहा कि कांग्रेस ने चौधरी चरण सिंह जी और स्वामीनाथन जी को उनका उचित मान सम्मान नही दिया। मोदी सरकार ने दोनों को भारत रत्न से सम्मानित करने का निर्णय लिया है। यूपीए के 10 वर्ष बीत गए पर स्वामीनाथन कमेटी की रिपोर्ट लागू नहीं की गई। मोदी सरकार ने उस रिपोर्ट को लागू किया है।”

अंत में प्रदर्शनकारियों को मानने के सवाल पर अनुराग ठाकुर ने कहा, “किसी भी बात का हल चर्चा से ही निकलता है। गांधी के देश में बातचीत से रास्ते निकलते हैं। आप हाल के कतर का उदाहरण ले सकते हैं जहां मोदी जी ने नेतृत्व कर, बातचीत के जरिए हमारे आठ पूर्व नौ सैनिकों की कुशल घर वापसी कराई।”