चंडीगढ़/ विरासत में मिली सूफियाना गायिकी को आगे बढ़ा रहे हैं गायक यासिर हुसैन
जुगनी और छल्ला जैसे प्रसिद्ध सूफी गानों व श्री फिल्म ने पहचान दिलाई
चंडीगढ़ : सूफियाना गायक यासिर हुसैन की आवाज अब देश विदेश को अपना दीवाना बना चुकी है। यासिर जब लाइव शो में जुगनी और छल्ला सुनाते हैं तो ऑडियंस के पैर थिरकने लगते हैं। इसके साथ ही उनके टप्पे लोगों की जुबां पर हिट हो चुके हैं। यासिर हुसैन ने अमेरिका, इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया में भी परफॉर्म कर श्रोताओं को अपना दीवाना बनाया है। उनके सूफियाना अंदाज और यूथ तक को अपने गीतों पर झूमाने की क्षमता ने उनको एक अलग पहचान दी है। इतना ही नहीं उन्होंने श्री मूवी में टाइटल सांग भी गाया है।
यासिर हुसैन जब पिछले दिनों चंडीगढ़ पहुंचे तो आयोजको द्वारा उनका भव्य स्वागत किया गया। यासिर हुसैन बताते हैं कि सूफियाना गायिकी उनको विरासत में मिली है। उनके पिता चौधरी नाजिर हुसैन जम्मू के प्रसिद्ध सूफियाना गायक रहे। उन्होंने अपने चाचा फजल हुसैन से 7 साल की उम्र से गायिकी का प्रशिक्षण लिया। उन्होंने बताया कि शेमारू कंपनी के लिए पहला गीत 2016 में आया था। इसके बाद वायस आफ पंजाब में उनको मौका मिला, जिसके बाद यह सफर जब शुरू हुआ तो यह चलता ही चला गया।
यासिर हुसैन का कहना है कि अब लाइव शो का जमाना है और यही वजह है कि लगातार दो से तीन घंटे तक परफॉर्म करने के लिए प्रतिदिन रियाज करना आवश्यक है। गाने में सांस की ज्यादा आवश्यकता होती है। फिटनेस पर बात करते हुए उन्होंने बताया कि आवाज के साथ ही उन्होंने अपनी व्यक्तित्व पर भी काफी ध्यान दिया है क्योंकि इतने समय तक स्टेज पर रहने के लिए आपको फिट होना आवश्यक है। यही वजह है कि वह न तो ठंडा खाते हैं, न ठंडा पीते हैं और खट्टा वो कभी खाते नही।
यासिर हुसैन ने बात को आगे जारी रखते हुए कहा कि उनको फिल्मों के आफर आते रहते हैं लेकिन वह ज्यादा मूवी नहीं कर पाते हैं। हालांकि उन्होंने लगड़ां दा लांड़ा में लीड रोल किया, इस फिल्म में बब्बल राय और सारा गुरपाल हैं। फिलहाल वह लाइव शो काफी ज्यादा कर रहे हैं।