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चंडीगढ़/ भारत की विविधताओं को दर्शाते क्राफ्ट मेले का यूटी प्रशासक बनवारी लाल पुरोहित ने किया उद्घाटन

अनेकता में एकता का अद्भुत संगम है कलाग्राम का 13वां शिल्प मेला

देश की विभिन्न संस्कृतियों की झलक मिलेगी कलाग्राम में

चंडीगढ़ : 13वें चंडीगढ़ शिल्प मेले का कलाग्राम में शुक्रवार को भव्य शुभारंभ हुआ। इस मौके पर पंजाब के राज्यपाल एवं यूटी के प्रशासक बनवारी लाल पुरोहित ने बतौर मुख्य अतिथि पहुंचकर मेले का उद्घाटन किया। वहीं चंडीगढ़ मेयर अनूप गुप्ता विशिष्ठ अतिथि के तौर पर मौजूद हुए। इस बार शिल्प मेले में बहुत सी नई चीजें देखने को मिल रही हैं । उद्घाटन के अवसर पर सौरभ भट्ट द्वारा लिखित पुस्तक “जयपुर का लोक नाट्य तमाशा” का विमोचन हुआ और चार राज्यों के चार लोक कलाकारों को ‘लोक कला साधक सम्मान’ से सम्मानित भी किया गया । पारंपरिक उद्घाटन के पश्चात मंच पर सांस्कृतिक कार्यक्रमों की शुरुआत हुई । वहीं म्यूजिकल नाइट में मशहूर सूफी गायिका सुल्ताना नूरां ने अपनी सुरमई आवाज का जादू बिखेरा और दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।

इस दौरान मुख्य अतिथि प्रशासक बनवारी लाल पुरोहित ने कहा कि हमारा देश पूरे विश्व में विविधताओं में एकता का प्रतीक है। इस तरह के क्राफ्ट मेले के जरिये देश की कलाकृतियों व संगीत लहरियों के माध्यम से भारत के पुरातन कला व संस्कारों को नया जीवन मिलता है। वहीं चंडीगढ़ के मेयर अनूप गुप्ता ने कहा कि आजकल युवा पीढ़ी अपनी पुरातन संस्कृति को भूलती जा रही है। ऐसे में इस तरह के शिल्प मेले के जरिये युवाओं को विभिन्न राज्यों की संस्कृति और शिल्पकारी को करीब से जानने का मौका मिलता है। कलाग्राम का क्राफ्ट मेले का हर साल लोगों को बेसब्री से इंतजार रहता है, लेकिन इस बार यहां बहुत कुछ नया देखने को मिल रहा है। उत्तर क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र के निदेशक फुरकान खान ने बताया कि चंडीगढ़ मोहाली और पंचकूला के दर्शकों की संभावित रुचि का ध्यान रखते हुए कलाकारों को आमंत्रित किया गया है । उनका ये भी मानना था कि केंद्र का उद्देश्य ना केवल स्वस्थ मनोरंजन के अवसर सुलभ करवाना है बल्कि अपनी महान संस्कृति विरासत से भी दर्शकों को रूबरू करवाना है ।

मेले के पहले दिन यानी 1 दिसंबर को नागालैंड स्थापना दिवस होने के कारण नागालैंड से आमंत्रित गायक फेसाओ और उनकी टीम की दो गीतों की प्रस्तुति के साथ सुरमयी शाम का आगाज हुआ। इसमें एक गाना नागा भाषा में और एक दूसरा हिंदी भाषा में था। मेले का सुंदर प्रवेश द्वार भी नागालैंड थीम पर ही बनाया गया है । मुख्य मंच को भी नया आकार देकर बहुत सुंदर ढंग से सजाया गया है । संपूर्ण मेले की साज सज्जा पारंपरिक प्रतीकों के माध्यम से की गई है । वहीं इस मेले में जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, राजस्थान, वेस्ट बंगाल, झारखंड, नागालैंड, उड़ीसा और गुजरात आदि राज्यों से कलाकार अपनी प्रस्तुति देंगे। ये कलाकार 1 से 10 दिसंबर तक प्रस्तुति देंगे। यह आयोजन उत्तर क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र पटियाला पटियाला और चंडीगढ़ प्रशासन के संयुक्त तत्वाधान में प्रतिवर्ष होता है। 10 दिन तक रोजाना शाम 7 बजे से स्टार नाइट होगी।