पंचकूला/ ब्रेन स्ट्रोक जागरूकता को लेकर पारस हेल्थ ने कीमहत्वपूर्ण प्रेस वार्ता
पंचकूला : शनिवार को ‘विश्व स्ट्रोक दिवस’ पूर्व संध्या पर जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से पारस हेल्थ में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए एसोसिएट डायरेक्टर न्यूरोलॉजी डॉ. अनुराग लांबा ने कहा, “स्ट्रोक दुनिया भर में विकलांगता और मृत्यु दर का एक प्रमुख कारण बना हुआ है, जिससे मुख्य रूप से अनियंत्रित मधुमेह, उच्च रक्तचाप, मोटापा, गतिहीन जीवन शैली जैसे रोके जा सकने वाले जोखिम कारकों के कारण मामलों की संख्या में लगातार वृद्धि के साथ लाखों लोगों का जीवन प्रभावित हो रहा है।”
एसोसिएट कंसलटेंट न्यूरोलॉजी डॉ. अबीर गोयल ने कहा, “अनुमान है कि भारत में प्रतिदिन 2000 से अधिक लोग स्ट्रोक से मरते हैं और इससे भी अधिक लोग विकलांग हो जाते हैं। ऐसा इसलिए है क्योंकि भारत में स्ट्रोक के 1% से भी कम रोगियों को गोल्डन विंडो के भीतर इलाज मिलता है और केवल 22% लोगों को हमले के बाद साढ़े चार घंटे की गोल्डन विंडो के बारे में पता होता है।
एसोसिएट डायरेक्टर न्यूरोलॉजी डॉ. अनिल ढींगरा ने स्ट्रोक के कारण की सही पहचान करने की आवश्यकता पर जोर दिया, जो ब्लड वेसल्स में रुकावट या ब्लड वेसल्स से रिसाव के कारण हो सकता है।
एसोसिएट कंसलटेंट न्यूरोलॉजी डॉ. अमन बातिश कहते हैं, “लगभग एक तिहाई स्ट्रोक के मामले हेमरेज के कारण होते हैं, जो अनियंत्रित रक्तचाप या एन्यूरिज्म के कारण सिर की चोट या रक्त वाहिका से रिसाव के कारण हो सकता है, जिसका समय पर न्यूरोसर्जिकल इंटरवेंशन जरूरी होता है।”
पारस हेल्थ, पंचकूला के डॉक्टर बताते है , 80% से अधिक मामलों में स्ट्रोक को रोका जा सकता है और 30 से ऊपर के लोगों में उच्च रक्तचाप, ब्लड शुगर और कोलेस्ट्रॉल की वार्षिक जांच महत्वपूर्ण है। स्ट्रोक के खतरे को कम करने के लिए, लोगों को अपने रक्तचाप, मधुमेह और कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करना चाहिए, धूम्रपान ना करें , स्वस्थ वजन बनाए रखें, प्रति दिन फलों और सब्जियों की 5+ सर्विंग के साथ कम सोडियम वाला स्वस्थ आहार लें और प्रति सप्ताह कम से कम 150 मिनट का लक्ष्य रखते हुए शारीरिक गतिविधि बढ़ाएँ।
पारस हेल्थ, पंचकुला के फैसिलिटी डायरेक्टर गुरकीरत सिंह ने कहा, “विश्व स्ट्रोक दिवस की इस वर्ष की थीम हैशटैग #ग्रेटरथानस्ट्रोक एक स्लोगन से कहीं बढ़ कर है। यह एक्शन का आह्वान है, जो कई प्रमुख उद्देश्यों पर प्रकाश डालता है।