मोहाली/ जीरकपुर में छोटे बच्चों ने किया आकर्षक रामलीला का मंचन : दर्शक हुए मंत्रमुग्ध
कोई बना राम, कोई लक्ष्मण तो कोई सीता, दर्शकों ने की प्रशंसा
संस्कार और सम्मान बचपन से ही सिखाने चाहिए : फाउंडर सपना मेहता व श्वेता मलिक
जीरकपुर (मोहाली) : छोटे- छोटे बच्चे जब राम, लक्ष्मण और सीता बनकर स्टेज पर आए तो दादा-दादी और नाना-नानी की खुशी का ठिकाना न रहा। कुछ ऐसा ही देखने को मिला प्रेशियस स्टेप्स स्कूल, जीरकपुर में आयोजित ग्रैंडपेरेंट्स डे पर जहां छोटे बच्चों ने रामलीला का मंचन किया। इस अवसर पर रिटायर्ड डीआईजी एमपी बहुगुणा ने मुख्य अतिथि के तौर पर शिरकत की। इस दौरान स्कूल की फाउंडर्स सपना मेहता व श्वेता मलिक और स्कूल फैकल्टी मौजूद थी।
नन्हे-मुन्हों ने रामायण की कहानी 4 छोटे एपिसोड के जरिए प्रस्तुत की । 2.5 साल से लेकर 6 साल के बच्चों ने श्री राम के जन्म, ताड़का वध, सीता स्वयंवर, रावण दरबार, पंचवटी दृश्य और रावण दहन को दर्शाया। इस मौके पर सभी बच्चों के ग्रैंडपेरेंट्स और माता-पिता मौजूद थे।
स्कूल की फाउंडर सपना मेहता व श्वेता मलिक ने कहा कि बच्चों में संस्कार और सम्मान बचपन से ही डालने चाहिए जिसके लिए हमारा स्कूल प्रतिबद्ध भी है। हमारे स्कूल में प्रत्येक गतिविधि का उद्देश्य बच्चों में अनुशासन को प्रफुल्लित करना होता है। इसके लिए हमारा प्रशिक्षित स्टाफ सदैव तत्पर रहता है।
ग्रैंडपेरेंट्स ने भी इस मौके पर अपने विचार रखे। उन्होंने स्कूल की प्रशंसा करते हुए कहा कि स्कूल द्वारा किया गया यह प्रयास बच्चों को संस्कार सिखाने की पहल है। घर में माता-पिता और बुजुर्ग और स्कूल में शिक्षक बच्चों को सांस्कारिक जीवन प्रदान करने में अहम भूमिका निभाते हैं।
फाउंडर्स सपना और श्वेता ने कहा कि हमारा प्रयास है कि हम अपने स्कूल के छात्रों को पौराणिक कथाओं और संस्कारों से जोड़कर रखें। इसके लिए ही आज बच्चों द्वारा रामलीला का मंचन करवाया गया है। भगवान राम के जीवन में सादगी थी। उनका जीवन उच्च आदर्शों का प्रतीक रहा है जोकि किसी भी धर्म देश व संस्कृति के लिए अनुकरणीय है। इसलिए हम चाहते हैं कि हमारे छात्र भी उन्हीं के जीवन से प्रेरणा लेकर आगे बढ़ें।