अररिया/ भरगामा के पंचायत सरकार भवन में नहीं बैठते हैं अधिकारी : ग्रामीणों को लगाना पड़ता है प्रखंड कार्यालय का चक्कर
✍️ अंकित सिंह, भरगामा (अररिया)
भरगामा (अररिया) : पंचायती राज व्यवस्था अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को एक ही छत के नीचे सभी सुविधा मिलने का सपना साकार नहीं हो रहा है। पंचायती राज व्यवस्था को लागू हुए भी लगभग 20 वर्ष हो चुका है। इस दौरान भरगामा प्रखंड में मात्र तीन पंचायत में पंचायत सरकार भवन का निर्माण हुआ है।
2015-16 सत्र में लगभग 1 करोड़ की लागत से यह भवन बनकर तैयार हुआ। बताते चलें कि भवन देखभाल के अभाव में बदहाल होने लगा है। भवन में लगे खिड़की दरवाजे को शरारती तत्वों ने क्षतिग्रस्त कर दिया है। परिसर में ग्रामीण गाय, भैंस, बकरी बांधते हैं। कमरे में मक्का, भूसा आदि रखा जाता है लेकिन अब तक इसमें पंचायत का कार्य नहीं हो पा रहा है।
सरकार भवन निर्माण के बावजूद पंचायत प्रतिनिधि अपने घरों में पंचायत सरकार के कार्यों का संचालन कर रहे हैं। शंकरपुर, मनुल्लाहपट्टी, खुटहा, बैजनाथपुर पंचायत में जब पंचायत भवन बनना शुरू हुआ था तब पंचायत वासियों को काफी आस जगी थी। वे सोचते थे कि अब छोटे-छोटे कार्य के लिए प्रखंड कार्यालय भरगामा का चक्कर नहीं लगाना पड़ेगा लेकिन उनके सपने ऐसे ही रह गए। परिणाम यह है कि आज भी लोग प्रखंड कार्यालय का चक्कर लगा रहे हैं। इस संबंध में जिला पंचायती राज पदाधिकारी शंकर शरण ओमी ने बताया कि जल्द ही भवन को दुरुस्त कर प्रयोग में लाया जाएगा।
प्रखंड के शंकरपुर और मनुल्लाहपट्टी एवं खुटहा बैजनाथपुर में पंचायत सरकार भवन के बने कई वर्ष बीत चुका है। बावजूद इसके यहां ना तो कार्यपालक सहायक और ना ही पंचायत सचिव और ना ही राजस्व कर्मचारी बैठते हैं। वहीं अन्य विभाग के कर्मचारियों का भी बैठना नहीं हो रहा है। जबकि यहां पंचायत स्तरीय सभी विभाग के पदाधिकारियों को रहकर जनता की समस्या का समाधान करना है। लेकिन अधिकारियों के उदासीनता के चलते ग्रामीण आज भी प्रखंड व अंचल कार्यालय का चक्कर लगा रहे हैं। बताया जाता है कि यहां का ताला कभी भी नहीं खुलता है।
शंकरपुर के स्थानीय ग्रामीण राजू यादव, संजीव मंडल आदि का कहना है कि पंचायत सरकार भवन में सरकार द्वारा सभी प्रखंड स्तर के कार्य करने का आदेश दिया गया जिसके आलोक में यहां काउंटर भी खुला और कर्मी भी प्रतिनियुक्त किया गया। पर आज की स्थिति में कोई भी कर्मी नहीं आते हैं। वहीं मनुल्लाहपट्टी गांव निवासी दिनेश कुमार ने बताया कि सरकार द्वारा करोड़ो रूपये की लागत से बना पंचायत सरकार भवन अपनी दुर्दशा पर आंसू बहा रहा है। लाखों रूपये के फर्नीचर सड़ गल कर नष्ट हो रहें हैं वहीं भवन मरम्मत और रंग रोगन के अभाव में खंडहर में तब्दील हो रहा है।
विदित हो कि पंचायत सरकार भवन में पंचायत सचिव, कार्यपालक सहायक सहित राजस्व कर्मचारी, आवास सहायक, विकास मित्र, किसान सलाहकार, रोजगार सेवक आदि के अलावे पंचायत स्तर के सभी अधिकारी के बैठने की बात कही गयी थी। लोगों का हर काम यहीं से होना है। पंचायत के लोग अपने प्रमाण पत्रों के लिए ऑनलाइन आवेदन करा सकते हैं। यहां से आवासीय प्रमाण पत्र,जाति प्रमाण पत्र व लोक शिकायत के लिए बिना शुल्क के ऑनलाइन आवेदन कराया जा सकता है। पंचायत स्तर के सभी अधिकारी को बैठकर लोगों की शिकायत सुनकर निवारण करना है। मगर हालात यह है कि इस पंचायत भवन में अधिकारी कभी नहीं बैठते हैं। आलम यह है की इसका ताला तक नहीं खुलता है। करोड़ो रूपये खर्च कर बनाया गया भवन पंचायतों में शोभा की वस्तु बन गया है।
इस संबंध में डीएम इनायत खां ने बताया कि मैं खुद बहुत जल्द पंचायत सरकार भवन का निरक्षण करने वाली हूं, वैसे डीपीआरओ एवं बीडीओ को अतिशीघ्र पंचायत सरकार भवन को चालू करवाने का निर्देश दे दिया गया है ।