साहित्य

हिंदी दिवस विशेष कविता/ हिंदी

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✍️ सुधांशु पांडे “निराला”
प्रयागराज (उत्तर प्रदेश)

 

हिंदी भाषी क्षेत्र के,
हम रहने वाले हैं।

हिंदी हैं,हम
सब का गौरव
शब्द-शब्द हैं,
इसका कलरव

सुनो महात्त्मय हिंदी का,
हम कहनें वाले हैं।
हिंदी भाषी क्षेत्र के,
हम रहने वाले हैं।।

शब्द-शब्द,
हिंदी का मोती
पग-पग पे बीज,
नेह का बोती

शब्दों की अविरल धारा,
में बहने वाले हैं।
हिंदी भाषी क्षेत्र के,
हम रहने वाले हैं।।

जन की भाषा,
कवि की कविता
हिंदी हैं हिंदुस्ता,
की सविता

हिंदी के पल्लू में,
जी हाँ पलनें वाले हैं।
हिंदी भाषी क्षेत्र के,
हम रहने वाले हैं।।

मीरा का पद,
कबिरा का दोहा
मान लिए,
हिंदी का लोहा

किले रूढ़िवादी के,
अब ढ़हनें वाले हैं।
हिंदी भाषी क्षेत्र के,
हम रहने वाले हैं।।


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