सुपौल

सुपौल/ कोरोना को जड़ से खत्म करने के लिए समय पर लगवायें टीके : प्रतिरक्षण पदाधिकारी

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अपनायें उचित व्यवहार

16 लाख 52 हजार से अधिक लोगों को लगाया जा चुका है टीका

सुपौल : जिले में रूक-रूक कर मिल रहे कोरोना संक्रमण के नये मामलों के बीच स्वास्थ्य विभाग द्वारा कोविड- 19 टीकाकरण अभियान जारी है। कोरोना संक्रमण की कई लहरों का सामना कर चुके लोग इस बात से भली भांति परिचित हैं कि कोरोना वायरस अपनी क्षमताओं को विकसित करने में सक्षम है। कुछ दिनों के अंतराल पर ही सही लेकिन कोरोना संक्रमण के नये मामलों का मिलना साबित करता है कि कोरोना अभी जड़ से खत्म नहीं हुआ है। कोरोना वायरस की संक्रमण दर अधिक होने की वजह से इस बात की आशंका बनी रहती है कि यह कभी भी फैल सकता है। खासकर त्यौहारों के समय जब लोग कोविड अनुरूप व्यवहारों की अनदेखी करते पाये जाते हैं।

जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डा के. सी. प्रसाद ने बताया, जिले में कोरोना संक्रमण के नये मामले कुछ दिनों के अंतराल पर मिले हैं। इन नये मामलों पर स्वास्थ्य विभाग की नजर बनी हुई है। हालांकि कोरोना संक्रमण के नये मामले गंभीर प्रवृति के नहीं हैं। उचित चिकित्सीय परामर्श एवं कोविड अनुरुप व्यवहार अपनाकर वे शीघ्र ही स्वस्थ्य हो जायेंगे। किन्तु कोरोना से बचने के लिए जरूरी है कि लोग अभी भी कोरोना उचित व्यवहारों का पालन करते रहें। घरों से बाहर निकलते समय मास्क अवश्य लगायें, बाजारों में सामाजिक दूरी के नियमों का पालन करें। यातायात के साधनों का उपयोग करते समय सावधानी बरतें। जिन लोगों का कोविड- 19 टीका का दूसरा या बूस्टर डोज लेने का समय हो चुका है वे समय से अपना टीका अवश्य लगवायें ।

 

जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डा. के. सी. प्रसाद ने बताया जिले में कोविड- 19 टीकाकरण जारी है। जिले में अब तक 16 लाख 52 हजार 888 लोगों को कोविड- 19 की पहली डोज लगायी जा चुकी है, जिनमें से 15 लाख 29 हजार 766 लोगों को दूसरी डोज भी दी जा चुकी है। बूस्टर डोज मिलाकर जिले में अबतक 34 लाख 65 हजार 176 कोविड- 19 के टीके लगाये जा चुके हैं। उन्होंने बताया कोरोना से बचने के लिए कोविड- 19 टीकाकरण एक सशक्त माध्यम बनकर सामने आया है। जिन लोगों को कोविड- 19 का पहली एवं दूसरी डोज लगायी जा चुकी है उन्हें कोरोना संक्रमित होने का खतरा नहीं के बराबर है। यदि वे कोरोना वायरस से संक्रमित भी हो जाते तो उनमें कोरोना संक्रमण के गंभीर लक्षण दिखाई नहीं पड़ते, वे शीघ्र ही स्वस्थ्य हो जाते हैं।


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