साहित्य

साहित्य/ चन्द्रयान – 3 का सफर

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चंदा मामा, प्यारे मामा
हैं कितने सभी के दुलारे
हम पहुंँच गए उनके द्वार पर
चंद्रयान – तीन के सहारे

23/8/2023 वह दिन याद रहेगा
समय शाम 6:04 मिनट पर
वह शुभ घड़ी याद रहेगा
तिरंगा झंडा लहरा गए वहाँ पर

थे हमारे प्रिय सब के मामा
कुछ मांगने पहुंचे हैं द्वार पर
भर दे झोली प्रसाद के रूप में
आपके पास है बिखरा चाँद पर

चंदा मामा थे बड़े सुहावन
थे आसमान में दूर के
चंद्रयान- तीन अब पहुंच गया
अब तो हो गए टूर के

एस० सोमनाथ इसरो प्रमुख थे
करते हैं हृदय तल से आभार
जा तक धरा – चांद रहेगी
सभी जन करते रहेंगे साभार

धरा – चांद की दूरी नापली
यह अद्भुत हो गया है जान
कल्पना किसी ने किया नहीं था
इसे नाप कर लिया संज्ञान

आंध्र के श्रीहरिकोटा से किया सब
14/7/23 को यात्रा शुरू हुआ
384000 किलोमीटर दूरी तय कर
23/8/2023 को चांद पर पहुँच गया

वैज्ञानिकों ने पहले नाम दिया था
मिशन का नाम “सोमयान”
अटल बिहारी वाजपेई ने बदलकर
कर दिया सोच कर “चंद्रयान”

भारत ने चंद्रयान-3 पर
615 करोड रुपए खर्च किए
भविष्य में काफी उपलब्धि होगी
इसे भलीभाँति समझ लीजिए

वैज्ञानिकों ने रच दिया इतिहास
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का कहना है
पूरा विश्व आंख खोल देख रहा है
इस सफलता पर गर्व करना है

चंद्रयान अभियान हुआ सफल
अब सूर्य और शुक्र की बारी है
समय अगर अनुकूल रहा तो
इस मिशन की भी तैयारी है

कहने को तो बहुत बाकी है
इससे विश्व में चौथा स्थान मिला
विश्व में भारत की चमक बढ़ेगी
अभी बहुत बड़ा सम्मान मिला

कहते हैं “कवि सुरेश कंठ”
विश्व में भारत का हो गया नाम
भारत विश्व में कर दिया कमाल
माननीय मोदी का हो गया नाम
—– जय हिंद —–


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