साहित्य

शिक्षक दिवस विशेष कविता/ आज है पाँच सितंबर का दिन

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✍️ नीतू रानी, बायसी, पूर्णिया (बिहार)

शिक्षक के प्रति एक अहसास,
शिक्षक दिवस को बनाएँ खास।

गुरु बिनु ज्ञान न उपजै ,
गुरु बिनु मिलै न भेव
गुरु बिनु संशय न मिटै,
जय जय जय गुरुदेव ।

आज है 05 सितंबर का दिन आज का दिन बड़ा महान,
आज हीं जन्म लिए श्रीकृष्णन
उनके लिए गाते जय गान।

नाम है इनका डाॅ॰सर्वपल्ली राधाकृष्णन करते थे सबका सम्मान,
न रखे किसी से द्वेस भाव
न था उनके मन में अभिमान ।

तमिलनाडु के चित्तूर जिले
गाॅ॑व इनका तिरूत्तनी था,
05 सितंबर 1888 को
तमिल ब्राह्मण परिवार में जन्म हुआ,
इनके पिता सर्वपल्ली वीरास्वामी
माता सितम्मा माॅ॑ महान
आज हीं जन्म ————2

पहले बने आक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के प्रधान,
फिर बने आंध्र विश्वविद्यालय
के कुलपति पद से महान,
उपराष्ट्रपति से राष्ट्रपति बन गये
किये कठिन से कठिन वो काम,
देश में काम किए तन -मन से जगत में फैला इनका नाम,
ऐसा देश भक्त नहीं होगा
आज के युग का कोई इंसान,
आज हीं जन्म———२।

17 अप्रील 1975 को भगवान आए इनके निवास,
पृथ्वी पर कर लिए ये दिन पूरे भगवान स्वर्ग ले गए इनको साथ,
अपने पीछे छोड़ गए वो
05 लड़की 01लड़का छः संतान
बच्चों ने खोये महान पिता , व्याकुल है अब उनके लिए प्राण।

लगता है अब कभी न आएँगे ऐसे वीर पिता महान
जिसने ऊॅ॑चा किया सिर सबका शिक्षक रूप में थे वे स्वयं भगवान,
“नीतू रानी” करती है प्रभु से विनती
देश को देना प्रभु ऐसा हीं संतान ,
आओ सब मिल सिर झुकाकर
करें इनको शत्-शत् बार प्रणाम।


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