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मोहाली/ ग्रैन्यूल्स इंडिया लिमिटेड और नाइपर ने मिलकर सस्टेनेबल फार्मा इनोवेशन के लिए “सेंटर ऑफ एक्सीलेंस” का किया शुभारंभ

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ड्रग प्रोडक्ट मैन्युफैक्चरिंग में ग्रीन टेक्नोलॉजीज को प्रोत्साहित करने के लिए नए सेंटर का हुआ शुभारंभ

मोहाली : ग्रैन्यूल्स इंडिया लिमिटेड ने राष्ट्रीय औषधि शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान (नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फार्मास्टिकुल एजुकेशन एंड रिसर्च-नाइपर) के साथ साझेदारी में वीरवार को डॉ. चिगुरुपति सेंटर ऑफ एक्सीलेंस इन इनोवेटिव एंड सस्टेनेबल फार्मास्युटिकल डेवलपमेंट (सीसीई-आईएसपीडी) का उद्घाटन किया।

ग्रैन्यूल्स की इस सीएसआर पहल का उद्देश्य छात्रों और शोधकर्ताओं को अत्याधुनिक सुविधाओं और संसाधनों तक आसान पहुंच प्रदान करके उन्हें सशक्त बनाना है, और फार्मास्टिकुल निर्माण सीखने के लिए पर्यावरण के अनुकूल सॉल्यूशंस में इनोवेशन को बढ़ावा देना है।

यह रणनीतिक कदम कंपनी के अपने मुख्य ऑपरेशंस में सस्टेनेबिलिटी को इंटीग्रेट करने के व्यापक दृष्टिकोण के अनुरूप है। ग्रीन प्रक्रियाओं में इनोवेशन को शामिल करके, ग्रैन्यूल्स इंडिया का उद्देश्य न केवल ऑपरेशनल कार्यकुशलता और कमर्शियल मजबूती बढ़ाना है, बल्कि समाज और पर्यावरण में सकारात्मक योगदान देना भी है। यह पहल कंपनी के इस विश्वास को दर्शाती है कि लंबी अवधि में सफलता नैतिक जिम्मेदारी और पर्यावरणीय प्रबंधन में गहराई से जुड़ी है।

उद्घाटन के अवसर पर बोलते हुए, डॉ. कृष्ण प्रसाद चिगुरुपति, चेयरमैन एंड मैनेजिंग डायरेक्टर, ग्रैन्यूल्स इंडिया लिमिटेड ने कहा कि “ग्रैन्यूल्स में, हमारा मानना ​​है कि इनोवेशन और सस्टेनेबिलिटी एक साथ चलते हैं। प्रमुख ग्रीन साइंस के माध्यम से ज़िम्मेदारी से जीवन को स्वस्थ बनाने के हमारे उद्देश्य से प्रेरित, यह पहल न केवल हमारे हितधारकों के लिए, बल्कि हमें सहारा देने वाले समुदायों और इकोसिस्टम के लिए भी एक स्वस्थ और अधिक सस्टेनेबल भविष्य को आकार देने की हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाती है।”

नाइपर के डायरेक्टर, प्रो. दुलाल पांडा ने कहा कि “यह सहयोग वास्तविक दुनिया की चुनौतियों का समाधान करने के लिए शिक्षा और इंडस्ट्री को एक साथ लाता है। ग्रीन और सस्टेनेबल प्रक्रियाओं पर ध्यान केंद्रित करके, हम ऐसे सॉल्यूशंस प्रदान कर सकते हैं जो दुनिया भर में पर्यावरण और रोगियों दोनों के लिए लाभकारी हों।”

डॉ. अरविंद के. बंसल, प्रोफेसर, डिपार्टमेंट ऑफ फार्मास्युटिक्स, लीडर और एकेडमिक सुपरवाइजर, सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की देखरेख में, यह सेंटर नाइपर की एजुकेशनल और रिसर्च क्षमताओं के साथ-साथ ग्रैन्यूल्स इंडिया की इंडस्ट्रियल विशेषज्ञता का उपयोग करके फार्मास्युटिकल क्षेत्र के लिए व्यापक, पर्यावरण-अनुकूल समाधान विकसित करेगा। यह सहयोग एपीआई और फ़ॉर्मूलेशन निर्माण के बीच इंटरफेस, फ़ॉर्मूलेशन उत्पादन में कार्बन फ़ुटप्रिंट को कम करने, सस्टेनेबल टेक्नोलॉजीज में इंटलेक्चुअल प्रॉपर्टी का निर्माण, अगली पीढ़ी के वैज्ञानिकों को प्रशिक्षण देने और सस्टेनेबल मैन्युफैक्चरिंग में नए इंडस्ट्री स्टैंडर्ड स्थापित करने पर केंद्रित होगा।

ग्रैन्यूल्स इंडिया और एनआईपीईआर का लक्ष्य एक साथ मिलकर एक मिसाल कायम करना है कि कैसे इंडस्ट्री-एकेडमिक साझेदारियां वैश्विक हेल्थकेयर के लिए एक ग्रीन, अधिक ज़िम्मेदार भविष्य की ओर बदलाव को तेजी प्रदान कर सकती हैं।


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