चंडीगढ़

चंडीगढ़/ 15वें आदिवासी युवा आदान प्रदान कार्यक्रम के समापन कार्यक्रम में पहुंचे हरियाणा के राज्यपाल

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राज्यपाल ने आदिवासी युवाओं से संवाद कर जाने उनके अनुभव

संस्कृति व परंपराओं का सरंक्षण व संर्वधन हमें आदिवासी समाज से सीखना चाहिए : बंडारू दतात्रेय

आदिवासी युवाओं से संवाद कर उन्हें संसधानों के अभावों में भी आगे बढ़ने के लिए किया प्रेरित

चंडीगढ़ : नेहरू युवा केंद्र चंडीगढ द्वारा गृह मंत्रालय के सहयोग से चंडीगढ में 10 से 16 अक्टूबर तक सेक्टर 26 स्थित NITTTR में आयोजित  किए जा रहे 15वें आदिवासी युवा आदान प्रदान कार्यक्रम का रविवार को समापन कार्यक्रम का आयोजन किया। कार्यक्रम में बतौर मुख्यअतिथि हरियाणा के माननीय राज्यपाल बंडारू दतात्रेय, विशिष्ट अतिथि के तौर भारत सरकार के युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय की सचिव आईएएस मीता राजीव लोचन व बतौर विशेष अतिथि चंडीगढ के मेयर अनूप गुप्ता, , NITTTR के निदेशक प्रो. बीआर गुर्जर, नेहरू युवा केंद्र पंजाब के राज्य निदेशक परमजीत सिंह  व नेहरू युवा केंद्र की जिला युवा अधिकारी संजना वत्स शामिल हुए।

कार्यक्रम में पहुंचे राज्यपाल बंडारू दतात्रेय का आदिवासी युवाओं ने अपने पारंपरिक तरीके स्वागत किया जिससे राज्यपाल काफी अभिभूत नजर आए। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए राज्यपाल बंडारू दतात्रेय ने कहा कि संस्कृति व परपंराओं का सरंक्षण व संवर्धन हमें आदिवासी समाज से सीखना चाहिए। जल जगल और जमीन को सदैव सबसे उपर रखने वाले इस समाज में वो साक्षात भगवान के दर्शन करते हैं। उन्होंने कहा कि आज आदिवासी समाज का बहुत गौरवशाली इतिहास हैं। हम सबकों उनके इस गौरवशाली इतिहास को अवश्य पढ़ना चाहिए। आदिवासी समाज के कल्याण के लिए सरकार निरंतर अनेकों प्रकार की योजनाएं चला रही हैं जिसके चलते इस समाज से अनेकों प्रतिभाएं निकल कर समाज का नाम रोशन कर रही हैं। उन्होंने प्रतिभागियों से कहा कि उन्होंने इस कार्यक्रम के दौरान जो कुछ भी सीखा उसे अपने जीवन में उतारें और जीवन में सफलता की ओर अग्रसर हों।

युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय की सचिव आईएएस मीता आर. लोचन ने कहा कि आदिवासी समाज के युवाओं आगे बढ़ने के अधिक से अधिक अवसर मिले इसके लिए विभाग द्वारा अनेको प्रकार के कार्यक्रम चलाए जा रहें हैं। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के कार्यक्रमों हमारे अंदर राष्ट्रीयता की भावना का विकास होता हैं। हमें अपने देश की विविधता में एकता वाली संस्कृति को जानने का अवसर मिलता हैं। महापौर अनूप गुप्ता ने प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए कहा ये देष का सौभाग्य है कि आज देश की प्रथम नागरिक आदिवासी समाज से आती है। उन्होंने कहा कि बेशक आदिवासी क्षेत्रों में चंडीगढ जैसी सुविधाएं ना हो लेकिन यदि दिल में कुछ कर गुजरने की तम्मना हो तो संसाधनों की कमी कभी भी आड़े नहीं आती। उन्होंने प्रतिभागियों से आहवान किया कि देश व समाज को तोड़ने वाले विचारों को कभी समर्थन ना करें। युवा अपनी उर्जा का प्रयोग सकारात्मक दिशा में करें व देश के विकास में अपना योगदान दें।

इस दौरान कार्यक्रम का सक्षिप्त परिचय रखते हुए जिला युवा अधिकारी संजना वत्स ने बताया कि कार्यक्रम में भाग ले रहे प्रतिभागियो ने पिछले 5  दिनों में चंडीगढ़ की आईसीसीसी, रॉक गार्डन, बर्ड पार्क, सुखना लेक, नीटर के टीवी स्डूटियों को किया भ्रमण, माता मनसा देवी मंदिर, सेक्टर 17 की मार्केट का भ्रमण किया। चंडीगढ़ की आईसीसीसी सेंटर की विजीट के दौरान यहां टैक्नोजिकल एडवांसमेंट को देख कर कह रहें थे इस प्रकार की व्यवस्था देश के हर शहर में लागू होनी चाहिए।

कार्यक्रम के दौरान हुए विभिन्न सत्रों में हरियाणा के स्टेट एनएसएस आफिसर दिनेश शर्मा ने युवाओं के समक्ष चुनौतियां व समाधान, आईपीपीआएएसडी के अध्यक्ष सुनील भारद्वाज ने विजन ऑफ न्यू इिंडया, डॉ वागीस स्वरूप ब्रहमचारी ने राष्ट्रीय एकता में युवाओं की भूमिका, प्रो. सुमन मोर ने जल जगंल जमीन, गुरप्रीत कौर ने करियर काउंसलिग जैसे विषयों पर चर्चा की। इस दौरान प्रतिभागियों ने अपने अनुभव व आदिवासी क्षेत्रों की परिस्थितयों के बारे में भी खुल कर चर्चा की हैं।

ज्ञात हो कि 15वें आदिवासी युवा आदान प्रदान कार्यक्रम में नक्सलवाद से प्रभावित 9 जिलों आंध्रप्रदेश के विशाखापट्नम, झारखंड के छतरा, गुमला, लातेहर, पश्चिम सिहंभूम, महाराष्ट्र के गढचिरौली व उड़ीसा के कंधमाल, कालाहांडी, मलकानगिरी के 200 प्रतिभागी जिसमें 100 युवक व 100 ही युवतियां कार्यक्रम में भाग ले रहें थे । इनके साथ बीएसएफ व सीआपीएफ के 20 जवान भी कार्यक्रम में शामिल हुए ।


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