चंडीगढ़

चंडीगढ़/ जीएमसीएच-32 में ‘इनोवेशन्स इन एलर्जी केयर’ पर विशेष सत्र का किया गया आयोजन

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✍️ सोहन रावत, चंडीगढ़

प्रदूषण, मिलावटी खाद्य पदार्थों और पैकेज्ड फूड के अत्यधिक उपयोग से बच्चों में बढ़ रहे एलर्जी के मामले : विशेषज्ञ

चंडीगढ़ : सतत चिकित्सा शिक्षा कार्यक्रम के तहत गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल सेक्टर-32 चंडीगढ़ में ‘इनोवेशन्स इन एलर्जी केयर’ पर एक विशेष सत्र का आयोजन किया गया। इसका उदघाटन जीएमसीएच के डायरेक्टर डॉ. ए. के. अत्री ने जीएमसीएच के पीडियाट्रिक्स विभाग के प्रमुख डॉ. विशाल गुगलानी , महर्षि मार्कंडेश्वर इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज एंड रिसर्च (एमएमआईएमएसआर) के मेडिकल सुपरिंटेंडेंट डॉ. अश्विनी के. सूद, पंचकूला पीडियाट्रिक एसोसिएशन (पीपीए) के प्रेसिडेंट डॉ. राजीव आर्य, पीपीए के सेक्रेटरी डॉ. राहुल गर्ग और जीएमसीएच के अन्य संकाय सदस्यों की उपस्थिति में किया।

इस कार्यक्रम का आयोजन महर्षि मार्कंडेश्वर इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज एंड रिसर्च, सरकारी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल (जीएमसीएच) सेक्टर-32 चंडीगढ़, पंचकूला पीडियाट्रिक एसोसिएशन (पीपीए) और इंडियन एकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक्स के नए लॉन्च किए गए चैप्टर द्वारा संयुक्त रूप से किया गया था, जिसमें विभिन्न विशेषताओं के लगभग 100 डॉक्टरों ने भाग लिया।

चूंकि एलर्जी अब बच्चों में बीमारियों का एक प्रमुख कारण बन रही है, इसलिए इस कार्यक्रम में शरीर के विभिन्न भागों जैसे त्वचा, श्वसन प्रणाली और खाद्य एलर्जी की पहचान करने में सहायक नए तरीकों और परीक्षणों पर ध्यान केंद्रित किया गया। इस दौरान विशेषज्ञों ने एलर्जी के निदान और प्रबंधन के विभिन्न पहलुओं के बारे में चर्चा की। इस बात पर जोर दिया गया कि पर्यावरण प्रदूषण, मिलावटी खाद्य पदार्थों और पैकेज्ड फूड के अत्यधिक उपयोग के कारण बच्चों में एलर्जी के मामले बढ़ रहे हैं, जिसमें कई प्रिजर्वेटिव होते हैं।


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