साहित्य

कविता/ योग कार्यक्रम

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योग करना है बहुत जरूरी
व्यायाम कसरत एक समान

करते हैं नि:स्वार्थ भाव से
होते सब अपने आप महान

सब मिलकर करें सुबह में
योग कार्यक्रम इसका निदान

कभी आप सोचें नहीं होंगे
यह कार्यक्रम है इतना आसान

मन प्रपंच नहीं है कोई इसमें
नहीं है इसमें खर्च का विधान

फिर करने में क्या आफत है
क्यों नहीं लेते इसका संज्ञान

सभी से करते एक निवेदन
छोड़े कभी नहीं ये सरल विज्ञान

अंत में करें ” ॐ ” का उच्चारण
ईश्वर से मिलेगा तभी वरदान

” योगी – मोदी जी ” करते नित्य दिन
यही है इसका मुख्य रूप से प्रमाण

कहते हैं ” कवि सुरेश कंठ ”
इसी से होगा सबका कल्याण ।


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