सुन्दर भारत देश है हमारा
देखन में लगता कितना प्यारा
देश निर्भर है किसानों पर
जीवन निर्भर है अनाजों पर
अनाज उपजता मेहनत के वल पर
खेती निर्भर है बरसातों के ऊपर
पर्यावरण हरदम समतुल्य रहें
यह बराबर सभी को ध्यान रहे
जनता को चाहिए मुट्ठी भर अनाज
यही सब सोचते हैं सारे समाज
कल कारखाना की है भारी कमी
बिहार के जमीन में नहीं है नमीं
कैसे होगा खाद का पूरा उत्पादन
इस विषय का कैसे होगा निष्पादन
यह किसी को समझ में नहीं आता
सभी का ध्यान कमाने पर जाता
कहते हैं ” सुरेश कंठ ” कवि
बड़े विशाल है यहां के रवि
जनता जनार्दन की है यही पुकार
जीवन में मुख्य भूमिका है आहार ।