साहित्य

कविता/ जो एक प्रश्न है …… बहुत कठिन है

Spread the love

✍️ सुधांशु पांड़े “निराला”
     प्रयागराज, उत्तर प्रदेश

 

जो एक प्रश्न है
बहुत कठिन है,
जान कर क्या करोगें?
सिर्फ हैरानी होगी।

एक उजाला अंतर्मन में
जगाए रखना था।
योजनाओं को
छिपाए रखना था।
मगर……..?
जाने किस ढंग में
आगे की कहानी होगी।

सुकून,इज्जत,उम्मीदें
और जाने क्या-क्या
हमसे जुदा होगा।
सब अफसोस उपहार लगता है
चूँकि मेरे साथ तू है
तेरे साथ खुदा होगा।
जो नई वार्ता है
कल पुरानी होगी।

जो एक प्रश्न है
बहुत कठिन है,
जान कर क्या करोगें?
सिर्फ हैरानी होगी।


Spread the love