अररिया

अररिया/ रेड क्रॉस सोसाइटी ने अपने प्रांगण में मनाया अंतरराष्ट्रीय रेड क्रॉस दिवस

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: न्यूज़ डेस्क :

अररिया : शनिवार को इंडियन रेड क्रॉस सोसाइटी के परिसर में कोविड 19 वैश्विक महामारी की दूसरी लहर को ध्यान में रख कर एवं कोरोना गाइडलाइन्स का पालन करते हुए अंतरराष्ट्रीय रेड क्रॉस दिवस मनाया गया । इस अवसर पर रेड क्रॉस सोसायटी, अररिया के सभी पदाधिकारीगण, सदस्यगण एवं सक्रिय कार्यकर्ताओं के बीच रेड क्रॉस के वरिष्ठ सदस्य सह जिला के प्रख्यात सर्जन कैप्टन डॉ एस आर झा के द्वारा झंडोत्तोलन किया गया गया । उनके साथ कैप्टन डॉ एस आर झा, संयुक्त सचिव प्रो सरबर आलम, डॉ सुशील कुमार श्रीवास्तव, अधिवक्ता एल पी नायक, अधिवक्ता देव नारायण सेन उर्फ देबू बाबू, डॉ कपिलेश्वर प्रसाद सिन्हा, तेज नारायण यादव एवं उपस्थित सदस्यों द्वारा जीन हेनरी ड्युनेन्ट के तैलचित्र पर माल्यार्पण कर उन्हें याद किया गया।

तत्पश्चात डॉ झा के द्वारा डॉ कपिलेश्वर प्रसाद सिन्हा, डॉ ऋषभ राज एवं बीसीडीए सचिव राकेश रंजन वर्मा उर्फ मिट्ठू को रेड क्रॉस आजीवन सदस्य का प्रमाण पत्र दिया गया। कैप्टन डॉ एस आर झा एवम डॉ सुशील कुमार श्रीवास्तव ने रेड क्रॉस की स्थापना एवम उनकी दायित्वों से जुड़ी कई मुख्य जानकारियाँ संयुक्त रूप से देते हुए उन्होंने कहा कि रेड क्रॉस के जनक जीन हेनरी ड्यूनेन्ट के जन्मदिन के शुभ अवसर पर अंतरराष्ट्रीय रेड क्रॉस दिवस मनाया जाता है। हेनरी का जन्म 08 मई 1828 ईस्वी को जेनेवा स्विट्जरलैंड में हुआ था। जीन हेनरी ड्यूनेन्ट एक स्विस उद्यमी और सामाजिक कार्यकर्ता थे। जिन्होंने अंतरराष्ट्रीय रेड क्रॉस संगठन की स्थापना 17 फरवरी 1863 ईस्वी में स्विट्जरलैंड के जेनेवा में की।संस्था का मुख्य उद्देश्य युद्ध के दौरान सैनिकों की मदद और चिकित्सा करने के साथ मानवीय जिंदगी व सेहत को बचाना था, परंतु वर्तमान परिवेश में इसका दायरा बढ़ता हुआ समाज कल्याण एवम अंतरराष्ट्रीय प्राकृतिक आपदा से जुड़े सभी कार्यो में रेड क्रॉस पूरी दुनिया में अग्रणी भूमिका निभाने में अपनी एक अलग पहचान बना चुकी है।एक सफेद पट्टी पर लाल रंग के क्रॉस चिन्ह आज दुनिया में पीड़ित मानवता का प्रतीक बन गया है।

मानवता, निष्पक्षता, तटस्थता, स्वतंत्रता, स्वैच्छिक सेवा, सर्व भौमिकता, एकता रेड क्रॉस सोसायटी के प्रमुख सात सिद्धान्त है। विश्व का पहला ब्लड बैंक अमेरिका में रेड क्रॉस के पहल पर 1937 ईस्वी में खोला गया और आज भी जहाँ ब्लड बैंक है उसमे रेड क्रॉस का विशेष योगदान है। पूरी दुनिया में एक करोड़ सत्रह लाख स्वयं सेवक समूह और लगभग 10 करोड़ सक्रिय सदस्य मानव सेवा हेतु कार्य कर रहे हैं। जीन हेनरी ड्यूनेन्ट को मानव सेवा के लिए साल 1901 ईस्वी में पहला नोबेल शांति पुरस्कार पाने का गौरव प्राप्त है।वर्तमान में भारत के 412 जिलों में 750 से अधिक शाखाएं है जो मानव सेवा का कार्य कर रही है ।

इस मौके पर कोषाध्यक्ष राम कमल चौधरी, युवा संयोजक रंजीत कुमार, डॉ ऋषभ राज, वार्ड पार्षद सुमित कुमार सुमन, सचिन दुग्गड़, डॉ सुमित कुमार झा, सत्य नारायण भारती, सुभाष शर्मा, अमर कुमार, सुभम राज, विश्वनाथ भगत, उमेश कुमार चौधरी, कौशल किशोर,सूरज कुमार इत्यादि उपस्थित थे।


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