अररिया

अररिया/ पंचायत सचिवों के कार्यक्षेत्र (पंचायतों) के बँटवारे से आ रही भ्रष्टाचार की बू

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✍️ अंकित सिंह, भरगामा (अररिया)

नियमों को ताक पर रखकर चहेते पंचायत सचिवों को दिया गया चार-चार पंचायतों का प्रभार

भरगामा (अररिया) : प्रखंड क्षेत्र के अधिकतर पंचायतों में पंचायत सचिवों का पद रिक्त है। इससे पंचायतों का विकास कार्य प्रभावित हो रहा है। जानकारी के अनुसार भरगामा प्रखंड क्षेत्र में 20 ग्राम पंचायतें हैं,लेकिन इन 20 ग्राम पंचायतों के विकास के लिए केवल सात पंचायत सचिव हीं कार्यरत हैं। यहां पंचायत सचिव के 13 पद रिक्त हैं। नतीजतन एक सचिव के जिम्मे चार पंचायतों का प्रभार है। इससे एक ओर सचिवों पर तो काम का बोझ बढ़ा हीं है वहीं दूसरी ओर पंचायतों का विकास कार्य भी प्रभावित हो रहा है। नियमानुसार प्रत्येक पंचायत में एक पंचायत सचिव कार्यरत होना चाहिए, लेकिन यहां 13 पंचायतों में पंचायत सचिव है हीं नहीं। ये सभी पंचायत प्रभार में चल रहे हैं।

लोगों का कहना है कि एक पंचायत सचिव के जिम्मे में चार पंचायतों का काम है। ऐसे में पंचायत सचिवों को खुद यह पता नहीं रहता है कि आज वह किस पंचायत में जाएंगे। इस समस्या को लेकर यहां के जनप्रतिनिधि और ग्रामीण काफी परेशान हैं। यदि प्रखंड में पर्याप्त संख्या में पंचायत सचिव की पदस्थापना रहती तो नियमित रूप से कार्य हो सकता है। क्योंकि अधिकतर जगह स्थायी सचिव नहीं होने के कारण पंचायतों के विकास कार्य धीमी गति से हो रही है।

विभागीय सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार सतेन्द्र कुमार के जिम्मे सिमरबनी, शंकरपुर, खुटहा बैजनाथपुर, सिरसियाकला, बबलू पंडित के जिम्मे जयनगर, कुसमौल, सिरसिया हनुमानगंज, विषहरिया, देवानंद कुमार के जिम्मे पैकपार, रघुनाथपुर उत्तर, उपेंद्र राम के जिम्मे सिर्फ रघुनाथपुर दक्षिण, शिवबली कुमार के जिम्मे आदिरामपुर, खजुरी, मनुल्लाहपट्टी, मनीष कुमार के जिम्मे हरिपुरकला, धनेश्वरी, भरगामा, सरोज कुमार के जिम्मे वीरनगर पूरब, वीरनगर पश्चिम, नया भरगामा है।

लोग बताते हैं कि पंचायत सचिव से मिलना बड़ी मुश्किल का काम है, क्यूंकि एक पंचायत सचिव को चार पंचायतों का कार्यभार सौंप दिया गया है। शायद इसलिए वे तरह-तरह का बहाना बनाकर पंचायत से गायब रहते हैं,जिसके कारण ग्रामीणों को विभिन्न परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

इस मामले में जिलाधिकारी अनिल कुमार का कहना है कि चार-चार पंचायताें का प्रभार एक सचिव काे दिए जाने से वे बेखबर हैं। उनका कहना है कि अगर कसी पंचायत सचिव के विरुद्ध बेवजह जनहित की कार्य प्रभावित करने की कोई शिकायत मिलती है तो वे मामले की जांच कराएंगे। इसके बाद आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।


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