मोहाली/ विश्व के एकमात्र मात पिता मंदिर में 12वाँ भव्य मात पिता पूजनोत्सव सोमवार को – News4All

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मोहाली/ विश्व के एकमात्र मात पिता मंदिर में 12वाँ भव्य मात पिता पूजनोत्सव सोमवार को

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मन्दिर के निर्माण का फेज 1 का काम पूरा हुआ,फेज 2 का कार्य जोरों पर

20 हज़ार स्क्विर फ़िट की बेसमेंट का लंगर हाल हो चूका है तैयार

मोहाली : मोहाली जिले के बनूड़-अंबाला मार्ग पर गांव खल्लौर में मात-पिता मंदिर का निर्माण कार्य जोर शोर से चल रहा है। साल 2025 में विश्व के इस प्रथम और एकमात्र मात-पिता मंदिर का निर्माण कार्य पूरा कर लिया जाएगा । कल इस महातीर्थ के प्रांगण में भव्य मात पिता पूजनोत्सव का भी आयोजन किया गया है । इस 12वें पूजनोत्सव में हजारों लोग उपस्थित होकर अपने माता पिता एवं गोमाता की पूजा करेंगे ।

कल मंदिर स्थल पर एक प्रेस कांफ्रेंस के दौरान बोलते हुए मंदिर का निर्माण करने वाले मात पिता गौधाम महा तीर्थ के संस्थापक ज्ञान चंद वालिया ने कहा कि समस्त मात – पिता गौधाम परिवार की यथा मेहनत व सभी के सहयोग से लगभग 20 हज़ार स्क्विर फ़िट की बेसमेंट का लंगर हाल तैयार हो चूका है आगे फेज 2 का काम बहुत तेजी से चल रहा है।
उन्होंने आगे बताया कि कि यह मन्दिर माता-पिता को समर्पित होगा। उन्होंने कहा कि मंदिर में कोई प्रतिमा न हो कर श्रद्धालु माता पिता में ही भगवान होने का एहसास करेंगे। मात पिता गौधाम ट्रस्ट को ज्ञान चंद वालिया जिन्हें गौचर दास ज्ञान के नाम से जाना जाता है, द्वारा 2011 में स्थापित किया गया था। गौधाम परिसर जहां मंदिर का निर्माण किया जा रहा है, 10 एकड़ भूमि पर फैला हुआ है।

मंदिर के पेट्रन सूरनेश सिंग़ला ने कहा कि मात पिता मंदिर का उद्देश्य घर-घर में माता-पिता का सम्मान के बारे में जागरूकता फैलाना के अलावा गाय माता के आध्यात्मिक लाभों पर ध्यान केंद्रित करना होगा।

महा तीर्थ के सीनियर वीपी सुभाष सिंग़ला ने बताया कि हम सबके लिए माता-पिता ही हमारे भगवान होते हैं , इनसे से बड़ा कोई नहीं है। जो आशीष ये दिल दे दें वह अवश्य ही पूर्ण होता है । वे वही हैं जो अपने बच्चों के लिए अपना जीवन समर्पित करते हैं। वे अपने बच्चों के लिए अपने आराम और खुशी को त्याग देते हैं ताकि वे अपने जीवन में सफल हो सकें । आगे उन्होंने कहा कि सभी समुदाय व धर्मों के लिए ‘मात पिता मन्दिर’ पूरी तरह से माता-पिता के लिए समर्पित होगा जहां उनकी पूजा और सम्मान किया जाएगा ।

ज्ञानचंद वालिया बताते हैं कि आप इस मंदिर में अपने माँ बाप को लाए और उनकी पूजा करें, अगर आपके माता पिता इस संसार में नहीं है तो उनकी स्मृति में आप इन्हे याद करें एवं उनका आशीर्वाद प्राप्त करें । इसके पीछे का मूल उद्देश्य यही है कि सम्पूर्ण विश्व से वृद्धा आश्रम,ओल्ड ऐज होम्स बंद हो जाए । सभी बच्चे अपने माता पिता के घर रहे ,अगर बच्चे अपनी नौकरी या काम से घर से बाहर भी रहते है तो उनका नियमित ध्यान रखे उनका आदर करे सत्कार करे, उन्हें प्यार दे, थोड़ा समय दे, मिल के न सही तो फोन पर ही नियमित संपर्क में रहे।

मंदिर का भूमि पूजन 10 अप्रैल 2019 को किया गया था और यह श्रद्धालुओं द्वारा दान किए गए फंड्स से किया जा रहा है। इस बीच मंदिर को वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स से विश्व के प्रथम और एकमात्र ‘मात पिता मन्दिर’ का प्रमाण पत्र भी मिला है।

इस अवसर परसुरेश बंसल, कुलदीप ठाकुर,कपिल वर्मा, जय गोपाल, संदीप मोनू आदि भी मौजूद थे।

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