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सहरसा/ गायक शशिभूषण यादव को श्रद्धांजलि समारोह के माध्यम से दी गई श्रद्धांजलि

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उनकी याद में समारोह के दौरान कई कलाकारों द्वारा अपने कला की भी दी गई प्रस्तुति

शास्त्रीय संगीत, सुगम संगीत और नृत्य को अपने रग रग में बसाने वाले थे शशिभूषण यादव : मुकेश मिलन

सहरसा : रविवार को स्थानीय राजकीय कन्या उच्च माध्यमिक विद्यालय में सहरसा के समस्त कलाकार एवं कलाकार संघ सहरसा के द्वारा संगीत के पुरोधा शशिभूषण यादव के निधन पर श्रद्धांजलि समारोह शास्त्रीय संगीत, ठुमरी और भजन का भव्य आयोजन कर किया गया । सर्वप्रथम शशिभूषण यादव को श्रद्धांजलि उनके तैलीय चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर किया गया । तत्पश्चात कार्यक्रम का विधिवत उद्घाटन प्रोफेसर अखिलेश्वर प्रसाद सिंह, प्रोफेसर गौतम सिंह, ओमप्रकाश नारायण और प्रोफेसर बच्चन पोद्दार द्वारा दीप प्रज्वलित कर किया गया । वक्ताओं ने कहा कि सुरीले और सहज व्यवहार के संगीतज्ञ आज दैहिक रूप से हमारे बीच उपस्थित रहे ना रहे परंतु उनकी आत्मा और स्नेहिल स्वभाव का भाव हमेशा हमारे साथ रहेगा । उनके नश्वर शरीर त्याग से कोशी ही नही बल्कि संपूर्ण बिहार के संगीत जगत की अपूरणीय क्षति हुई है । उन्होंने यह भी कहा कि शशिभूषण यादव जी संगीत के जीवंत हस्ताक्षर थे इसलिए उनको तो श्रद्धांजलि संगीत गाकर ही दिया जा सकता है । यूं तो श्रद्धांजलि समारोह होते रहते हैं लेकिन एक संगीत से जुड़े कलाकारों को श्रद्धांजलि देना अपने आपमें अलग इतिहास की शुरुआत है ।

उद्घोषक मुकेश मिलन के सफल संचालन और वेदप्रकाश,मुरारी सिंह, ब्रजेश सिंह, मंजीत कश्यप, अशोक सम्राट, अखिलेश झा मिट्ठू के अथक प्रयास से चले इस कार्यक्रम में शास्त्रीय संगीत, ठुमरी और भजन गायन की प्रस्तुति के क्रम में प्रोफेसर बेचन पोद्दार, हेमकांत, रंजना नारायण, ईशान गढ़वाल, अनुराधा कुमारी, मणिकर्णिका, पूजा ठाकुर, ओम आनंद, महालक्ष्मी कुमारी, सोहन झा, कुंदन सिंह, सुष्मा कत्थक नृत्य, रामू अवस्थी, आरती, शंकर बिहारी, श्रेया, किशोर, त्रिपुरारी, धीरेंद्र धीरज आदि ने अपनी प्रस्तुति देकर कार्यक्रम को भव्य बना दिया ।

समारोह की जानकारी देते हुए कलाकार संघ के संरक्षक सह मीडिया प्रभारी मुकेश मिलन ने बताया कि गायक शशिभूषण यादव को प्रशासन द्वारा मरणोपरांत सम्मान भी देना चाहिए । आगे उन्होंने बताया कि गायक शशिभूषण यादव, शास्त्रीय संगीत, सुगम संगीत और नृत्य को अपने रग रग में बसाने वाले थे, वे अब हमारे हृदय में बसे हैं ।

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