पंचकूला/ किडनी प्रत्यारोपण पूर्ण रूप से सुरक्षित, किडनी दान करने वालों को घबराने की आवश्यकता नहीं : गुप्ता – News4All

News4All

Latest Online Breaking News

पंचकूला/ किडनी प्रत्यारोपण पूर्ण रूप से सुरक्षित, किडनी दान करने वालों को घबराने की आवश्यकता नहीं : गुप्ता

😊 Please Share This News 😊

श्री गुप्ता ने वर्ल्ड किडनी डे के अवसर पर आयोजित पेशेंट कनैक्ट कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में की शिरकत

अधिक से अधिक लोगों को करें अंगदान के लिए प्रेरित ताकि जरूरतमंद लोगों की जान बचाई जा सके : विधानसभा अध्यक्ष

डाॅक्टरों और अन्य पैरामेडिकल स्टाॅफ अस्पताल में आने वाले मरीजों से कायम करें आत्मीयता का व्यवहार : ज्ञानचंद गुप्ता

पंचकूला : हरियाणाा विधानसभा अध्यक्ष श्री ज्ञानचंद गुप्ता ने कहा कि किडनी प्रत्यारोपण पूर्ण रूप से सुरक्षित है और किडनी दान करने वालों को घबराने की आवश्यकता नहीं है। उन्होंने कहा कि अधिक से अधिक लोगों को अंगदान के लिए प्रेरित किया जाना चाहिए ताकि जरूरतमंद लोगों की जान बचाई जा सके।

श्री गुप्ता आज पंचकूला के सेक्टर 3 स्थित होटल हाॅलिडे इन में एल्केमिस्ट अस्पताल द्वारा वल्र्ड किडनी डे के अवसर पर आयोजित पेशेंट कनैक्ट कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित कर रहे थे।

उन्होंने एल्केमिस्ट अस्पताल में लगभग 200 किडनी ट्रांस्प्लांट होने पर डाॅक्टरों की टीम को बधाई दी। उन्होंने कहा कि अस्पताल के डाॅक्टरों की कड़ी मेहनत के बाद रागियों की किडनी ट्रांस्प्लांट संभव हो सकी। इस अवसर पर पंचकूला की सिविल सर्जन डाॅ. मुक्ता कुमार भी उपस्थित थी।

श्री गुप्ता ने कहा कि देश में किडनी मरीजों की संख्या के हिसाब से किडनी प्रत्यारोपण कम है क्योंकि किडनी डोनर नहीं मिल पाते। परिवार के सदस्यों में भी किडनी डोनेट करने को लेकर अपने स्वास्थ्य के प्रति शंकाएं रहती हैं। उन्होंने कहा कि किडनी प्रत्यापण पूर्ण रूप से सुरक्षित है और डाॅक्टरों द्वारा बताए गए एहतियात बरतने से शरीर पर किसी भी प्रकार का दुष्प्रभाव नहीं पड़ता। उनकी जानकारी में कई ऐसे मामले हैं जहां किडनी दान करने के 25-26 सालों बाद भी लोग स्वस्थ्य जीवन व्यवतीत कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि जहां तक संभव हो, अन्य लोगो की बजाए परिवार के लोगों द्वारा ही मरीज को किडनी दान की जानी चाहिए।

श्री गुप्ता ने कहा कि हमारे समाज में डाॅक्टरों को भगवान के बाद दूसरा स्थान दिया गया है। डाॅक्टरी सेवा का पेशा है और इसे व्यवसाय नहीं बनाना चाहिए। कई बार अस्पतालों द्वारा मरीजों से ओवरचार्जिंग की शिकायत मिलती है। उन्होंने डाॅक्टरों और अन्य पैरामेडिकल स्टाॅफ से आहवान किया कि वे अस्पताल में आने वाले मरीजों से आत्मीयता का व्यवहार कायम करें। इससे मरीजों को बीमारी से जल्दी उभरने में सहायता मिलती है।

सिविल सर्जन और ट्रांस्प्लांट अप्रूवल कमेटी की चेयरपर्सन डाॅ. मुक्ता कुमार ने कहा कि किडनी बीमारी से ग्रस्त लोगों को आशावादी रहना चाहिए क्योंकि चिकित्सा विज्ञान में किडनी का सफल प्रत्यारोपण संभव है। उन्होंने लोगों से अंगदान की शपथ लेने का आहवान किया ताकि अधिक से अधिक लोगों की जान बचाई जा सके। उन्होंने कहा कि ट्रांस्प्लांट अप्रूवल कमेटी की चेयरपर्सन के नाते उनका प्रयास रहता है कि किसी भी गरीब व्यक्ति को मजबूरी में अपनी किडनी न बेचनी पड़े।

अल्केमिस्ट अस्पताल के डाॅ. परमजीत सिंह मान ने बताया कि वल्र्ड किडनी डे हर वर्ष मार्च के दूसरे गुरूवार को मनाया जाता है। इस दिन को मनाने का मुख्य उद्देश्य लोगों को किडनी की बीमारियों के प्रति जागरूक करना है। उन्होंने कहा कि भारत में हर 10 लाख लोगों के पीछे 800 लोग किसी न किसी प्रकार की किडनी की बीमारी से ग्रस्त हैं जो कि एक बड़ी संख्या है। उन्होंने कहा कि किडनी की बीमारी का मुख्य कारण डायबटीज़ है। किडनी रोगों के प्रति लोगों को जागरूक करने की आवश्यकता पर बल देते हुए उन्होंने कहा कि भारत में प्रतिवर्ष 2.20 लाख लोगों को किडनी प्रत्यारोपण की आवश्यकता पड़ती है।

इस अवसर पर एचओडी प्रो. एसके शर्मा, नेफ्रोलाॅजिस्ट डाॅ. रमेश कुमार और डाॅ. चरनजीत लाल, युरोलाॅजिस्ट डाॅ. राजीव गोयल और डाॅ. नीरज गोयल, किडनी पेशेंट, अटैंडेंट और डाॅक्टर्स उपस्थित थे।

व्हाट्सप्प आइकान को दबा कर इस खबर को शेयर जरूर करें 

स्वतंत्र और सच्ची पत्रकारिता के लिए ज़रूरी है कि वो कॉरपोरेट और राजनैतिक नियंत्रण से मुक्त हो। ऐसा तभी संभव है जब जनता आगे आए और सहयोग करे

Donate Now

[responsive-slider id=1466]
error: Content is protected !!