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पटना/ सफल वकील बनने के लिए राहुल रंजन ने युवा लॉ ग्रेजुएट को दी आवश्यक सलाह

पटना : सिविल कोर्ट के अधिवक्ता राहुल रंजन ने पिछले दिनों पटना के ज्ञान भवन में आयोजित नेशनल सेमिनार समारोह में अपने संबोधन में युवा लॉ ग्रेजुएट को सलाह दी कि वे अपनी नैतिकता से कभी समझौता न करें और हमेशा ईमानदारी और सत्यनिष्ठा से भरा जीवन जिएं । युवा लॉ ग्रेजुएट को संबोधित करते हुए, राहुल रंजन ने कहा कि, ”भविष्य में आप लिटिगेशन या ज्यूडिशरी या यहां तक कि एक कॉर्पाेरेट ऑफिस में काम करना शुरू कर सकते हैं। मेरा आपसे अनुरोध और सलाह है कि आप अपनी नैतिकता से समझौता न करें। अपनी ईमानदारी और सत्यनिष्ठा से समझौता न करें।” उन्होंने उन लोगों के लिए कुछ महत्वपूर्ण सलाह भी दी,जो स्नातक स्तर की पढ़ाई पूरी करने के बाद लिटिगेशन में जाना चाहते हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि एक सफल वकील बनने के लिए चार पी आवश्यक हैं।

जो लोग लिटिगेशन/वकालत में शामिल होना चाहते हैं, उन्हें एक सफल वकील बनने के लिए कुछ बुनियादी आवश्यकताओं को सीखना चाहिए। मेरे अनुसार एक केस में अदालत में पेश होने के दौरान 4 पी महत्वपूर्ण होते हैं- 1) तैयारी 2) पूर्णता 3) प्रस्तुति 4) विनम्रता। जस्टिस शाह ने यह भी रेखांकित किया कि किसी को अदालत में किसी मामले पर बहस करने के लिए तभी उपस्थित होना चाहिए जब उसने तथ्यों और कानून दोनों पर मामले को पूरी तरह से तैयार किया हो। वकालत में प्रस्तुति/पेशकश के महत्व की ओर इशारा करते हुए, उन्होंने कहा कि, ”अदालत में जो महत्वपूर्ण है वह प्रस्तुति है। आप अपने मामले को अदालत के सामने कैसे पेश करते हैं यह बहुत महत्वपूर्ण है।” उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि वकीलोंको हमेशा अपने मामले में विनम्रता के साथ बहस करनी चाहिए। इस कम आंकी जाने वाली विशेषता पर प्रकाश डालते हुए, जस्टिस शाह ने कहा, ”आखिरकार जो महत्वपूर्ण है वह अपने मामले को विनम्रता के साथ पेश करना है।” राहुल रंजन ने युवा लॉ ग्रेजुएट से राष्ट्र निर्माण में गहरी भूमिका निभाने का आग्रह किया, साथ ही अतीत में कानूनी बिरादरी के दिग्गजों द्वारा देश के लिए दिए गए योगदान पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने कहा,”आप इस देश का भविष्य हैं। आपको राष्ट्र निर्माण में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभानी है। कानूनी बिरादरी के सदस्य होने के नाते आप राष्ट्र और समाज के प्रति कर्तव्य निभाते हैं। यदि आप अतीत में देखें, तो कानूनी बिरादरी के दिग्गजों ने राष्ट्र निर्माण में योगदान दिया है,जिनमें महात्मा गांधीजी, सरदार वल्लभभाई पटेल, डॉ. बी.आरअंबेडकर और अन्य लोग शामिल हैं। आपको गर्व और विशेषाधिकार महसूस करना चाहिए कि आप कानूनी बिरादरी का हिस्सा होंगे।” एडवोकेट श्री रंजन ने युवा ग्रेजुएट को यह भी सलाह दी कि वे जीवन का डटकर सामना करें और जीवन में चुनौतियों और असफलताओं से न डरें। जस्टिस शाह ने जोर देते हुए कहा कि, ”जीवन से मत पूछो कि मैं ही क्यों, कहो मुझे आजमाओ। यही सकारात्मकता है जो आपके जीवन में होनी चाहिए। भले ही आपके जीवन में कहीं भी असफलता का सामना करना पड़े,परंतु अपनी असफलता को सफलता की सीढ़ी के रूप में परिवर्तित करें। सफलता के लिए कभी भी कोई शॉर्टकट न अपनाएं।” उन्होंने युवा ग्रेजुएट से आग्रह किया कि वह समाज विशेष रूप से जरूरतमंदों की सेवा के लिए अपना जीवन समर्पित करें।

एडवोकेट रंजन ने अपने संबोधन का समापन करते हुए कहा कि,”जरूरतमंदों की सेवा आपका आदर्श वाक्य होना चाहिए।”