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चंडीगढ़/ बाबा जाहरवीर गोगा जी महाराज का तीन दिवसीय उत्सव सम्पन्न

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✍️ सोहन रावत, चंडीगढ़

दूरदराज से आए संत महात्माओं का हुआ सम्मान, सुंदर भजनों के गायन से संपूर्ण हुआ कार्यक्रम

चंडीगढ़ : बाबा जाहरवीर गोगा जी महाराज को समर्पित तीन दिवसीय उत्सव यहां वीरवार को मंदिर के संचालक व 9वीं पुस्त गद्दीनशीन महंत व विश्वकर्मा समाज चंडीगढ़ के शंकराचार्य जय कृष्ण नाथ तथा मंदिर की सह-संचालिका व विश्वकर्मा महिला मंडल की महामंडलेश्वर सुरेन्द्रा देवी के सानिध्य में संपंन हो गया। यह आयोजन सेक्टर 36 स्थित पीर गुग्गा माड़ी मंदिर में हर वर्ष की भांति भाद्रपद की द्वादशी, त्रयोदशी व चतुर्दशी को आयोजित किया जाता है।

बाबा जाहरवीर गोगा जी महाराज के तीन दिवसीय इस उत्सव के अंतिम दिन पीर गुग्गा माडी मंदिर के संचालक व 9वीं पुस्त गद्दीनशीन महंत व विश्वकर्मा समाज चंडीगढ़ के शंकराचार्य जय कृष्ण नाथ तथा मंदिर की सह-संचालिका व विश्वकर्मा महिला मंडल की महामंडलेश्वर सुरेन्द्रा देवी ने ध्वजारोहण की परम्परा को निभाया जिसके उपरांत बाबा जाहरवीर गोगा जी महाराज की पूजा विधि विधान के साथ की गई। जिसके उपरांत रात्रि को बाबा जाहरवीर गोगा जी महाराज की कथा का श्रवण कथा व्यास तिलक राज योगी ने करवाया। इस अवसर पर देश के विभिन्न राज्यों से आये श्रद्धालुओं ने दरबार में माथा टेका और बाबा का आर्शीवाद प्राप्त किया।

उत्सव में 9वीं पुस्त गद्दीनशीन महंत व विश्वकर्मा समाज चंडीगढ़ के शंकराचार्य जय कृष्ण नाथ ने श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए बताया कि भक्त ही एकमात्र ऐसा साधन है जो हृदय से यदि भगवान को याद करे तो परमपिता भी स्वयं को उसके अधीन कर देते हैं। इसलिए भक्ति से भगवान भी भक्त के वश में हो जाते हैं। उन्होंने बताया कि गुग्गा माडी मंदिर जो वर्षों पुराना है, में जो श्रद्धालु सच्चे भाव से अपनी कोई मनोकामना लेकर आता है वह पूरी होती है। यह आस्था का जीता जागता सबूत है। इस अवसर पर मंदिर प्रांगण में डॉ स्वामी राजेश्वरानंद पुरी ने स्वस्थ जीवन के लिए आयुर्वेद पद्धति पर चर्चा की और शास्त्रों के अनुसार आर्युवेद के महत्व पर प्रकाश डाला। इस दौरान उन्होंने गौ रक्षा व गौ माता के महत्व पर प्रवचन दिए। उत्सव के दौरान तीन दिन निरन्तर विशाल अटूट भंडारे का आयोजन किया गया।

उत्सव के समापन पर विशेष अतिथि के तौर पर देश के विभिन्न राज्यों से संत महात्माओं में योगी सूरजनाथ,आध्यात्मिक गुरु महात्मा ज्ञाननाथ, साध्वी ऊषानाथ,संत पीठाधीश नवीन सरहदी व अन्यों ने शिरकत की। जिसका आदर सत्कार मंदिर की सह-संचालिका व विश्वकर्मा महिला मंडल की महामंडलेश्वर सुरेन्द्रा देवी ने की। इस अवसर पर सभी आये संतों ने बाबा जाहरवीर गोगा जी महाराज के जीवन पर प्रकाश डाला और प्रवचन दिये।

भजन गायन का प्रारम्भ महामंडलेश्वर सुरेन्द्रा देवी ने गणेश वंदना तथा जग में साचो तेरो नाम के प्रसिद्ध भजन के साथ किया जिसके बाद भजन गायक राजन शेरगिल के.डी नारायण ने मधुर भजन गाकर श्रद्धालुओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। उन्होंने अपने गाए गए भजनों में मुझे रास आ गया है, तेरे दर पर सर झुकाना, राधे राधे गोविन्द राधे, गोपाल राधे, मैं हुं दासी, तुम हो राजा गाकर कर उपस्थित श्रद्धालुओं का घंटों समां बांधे रखा और झुमने पर विवश कर दिया।

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